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भारत-चीन के खूनी टकराव पर संयुक्त राष्ट्र चिंतित, दोनों देशों से ये कदम उठाने को कहा

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच खूनी टकराव और कई सैन्य कर्मियों की मौत पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने चिंता जताई है।

Ashiki
Published on: 17 Jun 2020 5:12 AM GMT
भारत-चीन के खूनी टकराव पर संयुक्त राष्ट्र चिंतित, दोनों देशों से ये कदम उठाने को कहा
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच खूनी टकराव और कई सैन्य कर्मियों की मौत पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया के दो बड़े देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है। गुतारेस के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इलाके में बढ़ते तनाव से संयुक्त राष्ट्र महासचिव काफी चिंतित हैं।

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भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में कर्नल सहित 20 सैन्य कर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। जानकारों का कहना है कि दोनों पक्षों की ओर से आगे भी सैन्क्ष कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता।

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भारत और चीन संयम बरतें

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने इस सीमावर्ती इलाके में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता एरी कनेको ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसा और मौत की खबरों से संयुक्त राष्ट्र चिंतित है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को तनाव खत्म करते हुए इस मामले में अधिकतम संयम बरतना चाहिए ताकि आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। उन्होंने कहा कि इलाके में जल्द से जल्द तनाव खत्म किया जाना चाहिए।

चीन का अभी तक आधिकारिक बयान नहीं

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत का दौर जारी है मगर इसी बीच दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसा की घटना में कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हो गए। झड़प के दौरान कई चीनी सैन्य कर्मियों के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है मगर चीन की तरफ से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है कि उसके कितने सैनिक हताहत हुए हैं।

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घायल सैनिकों को चीन ने किया एयरलिफ्ट

न्यूज़ एजेंसी एनएनआई का कहना है कि चीन के 43 सैनिक या दो गंभीर रूप से घायल हुए हैं या मारे गए हैं। जानकारों का कहना है कि चीन की ओर से हताहत सैनिकों की संख्या इसलिए सार्वजनिक नहीं की जा रही है ताकि दोनों देशों के लोग सैनिकों की मौतों को लेकर तुलना ना कर सकें। सूत्रों का कहना है कि अपने सैनिकों की तलाश में चीनी हेलीकॉप्टर दिनभर एलएसी के करीब उड़ान भरते रहे। इस दौरान कुछ घायल सैनिकों को एयरलिफ्ट भी किया गया।

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1975 के बाद हुई ऐसी घटना

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 1975 के बाद पहली बार चीन के साथ हिंसक झड़प में किसी भारतीय सैन्य कर्मी की जान गई है। इससे पहले आखिरी बार 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला इलाके में चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के दौरान फायरिंग या गोलाबारी नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडों और पत्थरों से हिंसक झड़प हुई। दोनों पक्षों की ओर से तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही थी मगर इस हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है।

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