TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोरोना पर बड़ा खुलासा: अमेरिका-वुहान का ये कनेक्शन, दंग रह जाएँगे आप भी

वायरस पर रिसर्च करने के लिए चीन की सबसे बड़ी लैब भी है। लेकिन अब इस संदिग्ध लैब के अमेरिकी कनेक्शन का बड़ा खुलासा हुआ है। इस लैब का क्या है अमेरिका से संबंध, आइये जानते है...

Vidushi Mishra
Published on: 12 April 2020 4:06 PM IST
कोरोना पर बड़ा खुलासा: अमेरिका-वुहान का ये कनेक्शन, दंग रह जाएँगे आप भी
X
कोरोना पर बड़ा खुलासा: अमेरिका-वुहान का ये कनेक्शन, दंग रह जाएँगे आप भी

नई दिल्ली। चीन से फैले कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में चीन ने दावा किया कि यह जंगली जीवों के मार्केट से इंसानों में आया। लेकिन फिर पता चला कि ऐसे वायरस चमगादड़ में पाए जाते हैं, इसलिए हो सकता है कि यह चमगादड़ से इंसानों में आया। इसके बाद चीन के एक लैब पर गंभीर सवाल उठने लगे। कारण ये था कि यह लैब वुहान के जंगली जीवों के मार्केट से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये लैब बेहद आलीशान है और इस तरह के वायरस पर रिसर्च करने के लिए चीन की सबसे बड़ी लैब भी है। लेकिन अब इस संदिग्ध लैब के अमेरिकी कनेक्शन का बड़ा खुलासा हुआ है। इस लैब का क्या है अमेरिका से संबंध, आइये जानते है...

ये भी पढ़ें...ये लॉकडाउन होगा कुछ अलग, बस इन नियमों का रखना होगा ध्यान

अमेरिकी सरकार ने वुहान लैब को 28 करोड़ रुपये दिए

एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कुछ दस्तावेजों से ये जानकारी मिली है कि अमेरिकी सरकार ने वायरस पर प्रयोग करने वाले वुहान लैब को 28 करोड़ रुपये दिए। ये रुपये बीते कई सालों के दौरान दिए गए। इस खुलासे के बाद अमेरिका के कई नेता भी हैरान रह गए।

इस बात को लेकर कुछ लोग चीन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में हो सकता है कि चमगादड़ पर प्रयोग के दौरान कोरोना वायरस लीक हो गया हो और बाद में चीन ने इसे जीवों के मार्केट से फैला वायरस कहा हो।

साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की इमरजेंसी कमेटी कोबरा के सदस्य ने भी लैब से वायरस फैलने की थ्योरी को भरोसेमंद कहा था।

ये भी पढ़ें...दिलदार ताइवान : इटली के लिए कतार लगा कर दिया जा रहा दान

खतरनाक और हिंसक प्रयोग के लिए ये फंड

लेकिन चीन को फंड दिये जाने की बात को लेकर अमेरिकी नेताओं ने पर कड़ा ऐतराज जताया है। कुछ अमेरिकी नेताओं का कहना है कि जानवरों पर किए जाने वाले खतरनाक और हिंसक प्रयोग के लिए ये फंड दिए गए।

बता दें कि अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की ओर से वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट को 28 करोड़ रुपये दिए गए।

इस पर अमेरिकी सांसद मैट गेट्ज ने कहा- 'शायद दुनिया भर में कोरोना फैलने में जिस चीनी लैब का योगदान है, उसे अमेरिकी फंड दिए जाने की खबर से मैं बहुत खराब महसूस कर रहा हूं।'

बीमार और प्रताड़ित किए गए जीवों पर प्रयोग

बीते शनिवार को अमेरिका के व्हाइट कोट वेस्ट नाम के समूह के अध्यक्ष एंथनी बेलॉटी ने भी चीन को अमेरिकी मदद दिए जाने की निंदा की थी।

एंथनी बेलॉटी ने कहा था- 'हो सकता है कि चीनी लैब में वायरस से संक्रमित किए गए जीव या किसी और तरीके से बीमार और प्रताड़ित किए गए जीवों पर प्रयोग पूरा होने के बाद उन्हें जंगली जीवों के मार्केट में बेच दिया गया हो।'

ये भी पढ़ें...कोरोना पाजिटिव मरीजों के बीच पहुंचे डीएम, एसएसपी बढ़ाया कर्मचारियों का हौसला

वायरस के नेचर को देखते हुए

लेकिन कुछ दिनों पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की इमरजेंसी कमेटी कोबरा के एक सदस्य ने कहा था कि साइंटिफिक तौर से अब भी इस बात में वजन है कि खतरनाक वायरस वुहान स्थित जानवरों की मार्केट से इंसानों में पहुंचा, लेकिन 'वायरस के नेचर को देखते हुए विश्वास करने योग्य वैकल्पिक थ्योरी है। मुमकिन है कि वुहान में उस लैब का होना संयोग ना हो। इसे खारिज नहीं किया जा रहा।

ऐसे में अब बात क्या है इसकी सच्चाई तो चीन और अमेरिका ही जानता है, लेकिन इस महामारी की चपेट में आज पूरा विश्व है। महामारी से होने वाली मौतों का आकड़ा लगभग 1 लाख पार कर चुका है। लेकिन अभी इस महामारी की कोई सटीक दवाई और इलाज भी नहीं मिल पाया है।

ये भी पढ़ें...हानिकारक है ये टनल: खतरे में सबकी जान, स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story