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कोरोना महामारी पर चीनी वैज्ञानिकों का नया दावा: इस तरह फैला वायरस का संक्रमण

चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण वुहान के वेट मार्केट से नहीं फैला है। उनका कहना है कि इस बाबत आई रिपोर्टों में कोई दम नहीं है और हम इसे पूरी तरह खारिज करते हैं।

Ashiki
Published on: 31 May 2020 10:17 AM IST
कोरोना महामारी पर चीनी वैज्ञानिकों का नया दावा: इस तरह फैला वायरस का संक्रमण
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण वुहान के वेट मार्केट से नहीं फैला है। उनका कहना है कि इस बाबत आई रिपोर्टों में कोई दम नहीं है और हम इसे पूरी तरह खारिज करते हैं। चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस चीनी चमगादड़ों में पहले से ही मौजूद था।

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चीनी विशेषज्ञों ने रिपोर्ट को किया खारिज

वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के विशेषज्ञों ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिनमें इस वायरस के वुहान के वेट मार्केट से फैलने की बात कही गई थी। इन विशेषज्ञों का कहना है कि वेट मार्केट की भूमिका एक सुपर स्प्रेडर की तरह है, न कि किसी सोर्स की तरह। चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला वुहान के बाजार से नहीं आया है। महामारी की शुरुआत के समय दावा किया गया था कि वुहान के सी फूड मार्केट से ही इस वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला मगर चीन के विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। चीनी विशेषज्ञों के दावे पर अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

चीनी चमगादड़ों में पहले से था वायरस

वॉल स्ट्रीट जनरल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि डीएनए ने सबूतों से पता चलता है कइ नोवल कोरोना वायरस सार्स-सीओवी टू चीनी चमगादड़ों में पहले से ही मौजूद था। उनका कहना है कि इंसानों में इस वायरस का संक्रमण बीच के किसी दूसरे जानवर के जरिए पहुंचा। इस मामले में सबसे ज्यादा शक पैंगोलिन पर ही जताया गया है। चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी के डायरेक्टर गाओ फू का कहना है कि वुहान के पशु बाजार से दोबारा सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट निगेटिव मिली है। इसके साथ ही यहां के दुकानदार कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए। इससे पता चलता है इस वायरस का संक्रमण वहां के पशु बाजार से नहीं फैला।

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डब्ल्यूएचओ को दी थी यह जानकारी

वुहान प्रशासन की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन को 31 दिसंबर को निमोनिया की तरह दिखने वाले लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई थी। बाद में इसे कोरोना वायरस के लक्षण के तौर पर पहचाना गया। वुगान के वेेट मार्केट से वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका के बाद इस साल एक जनवरी को इस मार्केट को बंद करा दिया गया था। अमेरिका की जार्जटाउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर कोलिन कार्लसन का भी कहना है कि जांच के दौरान वुहान के बाजार में एक भी जानवर कोरोना से संक्रमित नहीं मिला। उनका कहना है कि अगर वे इस संक्रमण का शिकार नहीं हुए तो इसका मतलब है कि उन्हें ऐसा कोई संपर्क नहीं मिला जिससे इस वायरस का संक्रमण फैल सके।

अभी और शोध की जरूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी यह बात कही गई थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण में वहां के पशु बाजार की भूमिका जरूर रही है, लेकिन इस मामले में अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि या तो वुहान के मार्केट में यह वायरस विकसित हुआ या फिर यहां से इसका संक्रमण दूसरे स्थानों पर फैला।

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