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आतंक परोसने वाले इस देश को नहीं है कोरोना से खौफ, रमजान में करेगा ये काम
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने घोषणा की है कि रमजान के महीने में पाकिस्तान की सभी मस्जिदें खुली रहेंगी। बता दें कि अगले हफ्ते से रमजान शुरु हो रहा है।
इस्लामाबाद: चीन से फैले हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। इससे भारत का पड़ासो मुल्क पाकिस्तान भी अछूता नहीं है। पाकिस्तान में तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान में अब तक 7 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि अब तक 143 लोगों की इसके चलते जान जा चुकी है। तेजी से बढ़ते मामलों के बीच राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने घोषणा की है कि रमजान के महीने में पाकिस्तान की सभी मस्जिदें खुली रहेंगी। बता दें कि अगले हफ्ते से रमजान शुरु हो रहा है। जिस दौरान शुक्रवार की नमाज के अलावा अन्य प्रार्थनाएं भी मस्जिदों में ही आयोजित की जाएंगी।
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मौलवियों के साथ चर्चा के बाद की घोषणा
पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर से मौलवियों के सामने घुटने टेक दिए हैं। राष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पवित्र महीने रमजान में मस्जिदों में होने वाले सभाओं के आयोजन के मुद्दे पर मौलवियों के साथ चर्चा की। जिसके तुरंत बात राष्ट्रपति ने इसकी घोषणा की। इससे एक दिन पर इसी मुद्दे पर राष्ट्रपति ने जमात-ए-इस्लामी प्रमुख, सीनेटर सिराजुल हक और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल नेता मौलाना फजलुर रहमान समेत धार्मिक और राजनीतिक नेताओं के साथ चर्चा की थी।
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लोग कर रहे सरकारी आदेशों का उल्लंघन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों की अवहेलना करते हुए कट्टरपंथी मौलवियों ने मस्जिदों में सामूहिक प्रार्थनाओं को फिर से शुरू करने का एलान किया था। पाकिस्तानी सरकार ने संक्रमण के रोकथाम के लिए 5 से ज्यादा लोगों की प्रार्थना सभाओं पर पहले ही रोक लगा दी है।
मस्जिदों में नमाज के लिए दी गई इजाजत
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने मस्जिदों में तरावीह यानि शाम और शुक्रवार की नमाज के लिए सशर्त अनुमति देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मौलवियों के साथ 20 दिशानिर्देशों पर सहमती बनी है। इन दिशानिर्देशों में उपासकों के बीच छह फीट की दूरी रखने, कालीनों को हटाने, मस्जिद के फर्श डिसइंफेक्शन करने और अधिकारियों के साथ सहयोग करना शामिल है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान सभी प्रतिबंधात्मक उपायों से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाएगा।
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सरकार ने की थी प्रार्थना सभा आयोजित ना करने की अपील
वहीं सरकार कोरोना वायरस के महामारी के बीच धार्मिक नेताओं से मस्जिदों में प्रार्थना सभा आयोजित ना करने की अपील कर रही है। इसके बाद भी लोग सरकारी आदेशों का खुले आम उल्लंघन कर रहे हैं। शुक्रवार की नमाज के लिए देश में राजधानी सहित आसपास के इलाके के लोग वरिष्ठ मौलवियों के साथ एकत्रित हुए।
अन्य देशों ने मस्जिदों को रखा है बंद
गौरतलब है कि दुनिया इस्लामिक देशों जैसे सऊदी अरब और अरब अमीरात (यूएई) समेत कई देशों ने भी मस्जिदों में धार्मिक सभाएं को बंद रखा है और लोगों से घरों में ही नमाज अदा करने को कहा है। ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
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