×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

इस सनकी ऑफिसर की चले तो पूरी दुनिया में छिड़ जाए परमाणु जंग

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव सातवें आसमाना पर है। चीन के साथ ट्रेड वॉर समेत दुनिया में कई बड़ी समस्याओं में अमेरिका उलझा हुआ है। इस बीच मंगलार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन को बर्खास्त कर दिया।

Dharmendra kumar
Published on: 17 April 2023 5:17 PM IST
इस सनकी ऑफिसर की चले तो पूरी दुनिया में छिड़ जाए परमाणु जंग
X

नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव सातवें आसमाना पर है। चीन के साथ ट्रेड वॉर समेत दुनिया में कई बड़ी समस्याओं में अमेरिका उलझा हुआ है। इस बीच मंगलार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन को बर्खास्त कर दिया।

जॉन बोल्टन को बर्खास्त करने के बाद जल्द ही नए NSA के ऐलान की बात ट्रंप ने कही। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर बोल्टन की बर्खास्तगी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी और जॉन बोल्टन की नीतियां मेल नहीं खातीं।

यह भी पढ़ें...पीके मिश्रा बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव, पीके सिन्हा प्रमुख सलाहकार

कहा जाता है कि जॉन बोल्टन अमेरिका के उन नौकरशाहों में से हैं जो अपनी नीति को लागू करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वह युद्ध का ऐलान भी कर सकते हैं।

ईरान, नॉर्थ कोरिया, अफगानिस्तान में अमेरिका के सख्त रुख के पीछे उनका ही हाथ है। इन्हीं सब को लेकर डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच विवाद हुआ। आखिरकार ट्रंप ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।

जॉन बोल्टन 15 साल की उम्र से ही रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करते रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बैरी गोल्डवाटर (1964) के लिए बोल्टन ने स्कूल में प्रचार किया था।

यह भी पढ़ें...आईएसआई ने खुफिया जानकारी जुटाने के लिए नाबालिग को भेजा भारत, गिरफ्तार

कहा जाता है कि उसके बाद से ही वह लगातार रिपब्लिकन पार्टी के लिए काम करते रहे और पिछले 2-3 दशकों से नीतिगत फैसलों का हिस्सा रहे।

जॉन बोल्टन की नीति हमेशा से आक्रामक रही, जो किसी भी देश से युद्ध के लिए तैयार, कई देशों में सत्ता परिवर्तन के पक्षधर रहे हैं।

-1998 में जॉन बोल्टन अमेरिका की एजेंसी न्यू अमेरिकन सेंचुरी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे हैं, जिन्होंने ईरान के साथ युद्ध का समर्थन किया था।

- उत्तर कोरिया और डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती के कदम उठाए थे, लेकिन जॉन बोल्टन की नीति अलग है। बोल्टन मानते हैं कि अमेरिका को बिना देरी किए नॉर्थ कोरिया पर स्ट्राइक करनी चाहिए, नहीं तो वह खतरा बन सकता है।

यह भी पढ़ें...न्यू ट्रैफिक रूल: यहां घटा जुर्माना, इन राज्यों में नहीं लागू, अब गडकरी ने दिया ये बयान

-बीते दिनों जब ट्रंप-किम जोंग उन की मुलाकात रद्द हुई तो उसके पीछे जॉन बोल्टन की नीति ही थी, क्योंकि जॉन बोल्टन ने नॉर्थ कोरिया के सामने कई कठिन शर्तें रखी थीं।

-ईरान और अमेरिका के बीच इस वक्त परमाणु डील को लेकर तल्खी चल रही है।जॉन बोल्टन की ईरान को लेकर एक ही नीति है अगर वह ना माने तो बम बरसा देने चाहिए।

-जब बराक ओबामा ने 2015 में ईरान के साथ परमाणु डील पर बात करनी शुरू की थी, तो जॉन बोल्टन ने इसका काफी विरोध किया था।

यह भी पढ़ें...पीएम मोदी का बयान, 2 अक्टूबर से हर घर में खत्म हो सिंगल यूज प्लास्टिक

- जॉन बोल्टन का मानना था कि संयुक्त राष्ट्र की कोई जरूरत नहीं है। जब जॉन बोल्टन को जॉर्ज बुश ने संयुक्त राष्ट्र में एंबेसडर बनाकर भेजा तो उन्होंने एक भाषण में कहा कि दुनिया को UN की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि समय आने पर दुनिया को दिखा देंगे अमेरिका सबसे ताकतवर है।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story