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हाफिज सईद को मिली सजाः लश्कर पर बैन लगा तो बना लिया जमात-उद-दावा

मुंबई में हुए हमले का मास्टरमाइंड आतंकी सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान की विशेष अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। हाफिज इससे पहले भी कई बार कानून के शिकंजे में रह चूका है लेकिन हमेशा छूट जाता था।

Monika
Published on: 19 Nov 2020 6:14 PM GMT
हाफिज सईद को मिली सजाः लश्कर पर बैन लगा तो बना लिया जमात-उद-दावा
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लश्कर पर बैन के बाद हाफिज सईद ने शुरू किए थे ये संगठन

मुंबई में हुए हमले का मास्टरमाइंड आतंकी सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान की विशेष अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। हाफिज इससे पहले भी कई बार कानून के शिकंजे में रह चूका है लेकिन हमेशा छूट जाता था। इस बार वो आतंकवाद निरोधी अदालत की सख्ती के चलते सजा पा गया। मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पहले लश्‍कर-ए-तैयबा नाम का आतंकी संगठन चलाता था। लेकिन उसके बैन हो जाने पर उसके एक दूसरा जमात-उद-दावा नाम के संगठन बनाया।

1987 में लश्‍कर-ए-तैयबा का संगठन तैयार हुआ

वर्ष 1987 में लश्कर-ए-तैयबा नाम का संगठन तैयार हुआ जो अफगानिस्‍तान के कुन्‍नार प्रोविंस में रखी गई थी। लश्कर-ए-तैयबा का अर्थ अच्‍छाई की सेना होता है। लेकिन उसने इस संगठन के लिए केवल बुरे काम ही किए। हाफिज के साथ अब्‍दुल्‍ला आजम और जफर इकबाल नाम के दो और शख्स इस संगठन की स्थापना में शामिल थे। यहाँ सवाल उठता है की आखिर इसकी फंडिंग कौन करता था? तो बता दें, फंडिंग अल कायदा के सरगना आतंकी ओसामा बिन लादेन ने की थी।

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दिसंबर 2001 में अमेरिका ने लश्कर को अपनी आतंकी लिस्ट में शामिल किया। भारत ने भी इसे बैन कर दिया था।

26 दिसंबर 2001 को अमेरिका ने इसे फॉरेन टे‍ररिस्‍ट ऑर्गनाइजेशन करार दिया।

30 मार्च 2001 को ब्रिटेन ने इसे प्रतिबंधित संगठन करार दिया।

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मई 2005 में अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिबंध के करीब चार वर्ष बाद यूनाइटेड नेशंस ने इस पर बैन लगाया था।

परवेज मुशर्रफ आज भले लश्‍कर और हाफिज का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने तख्‍तापलट के 3 वर्ष बाद यानी 12 जनवरी 2002 को इस संगठन को बैन कर दिया था।

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वर्ष 1993 में लश्कर-ए-तैयबा ने पहली बार जम्‍मू-कश्‍मीर 12 पाकिस्‍तानी आतंकवादियों ने कुछ अफगानी नागरिकों के साथ मिलकर एलओसी पार की थी।

वर्ष 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत ने उसके खिलाफ मिले सबूतों को पूरी दुनिया के सामने रखा ।

दूसरा संगठन जमात-उद-दावा

लश्‍कर-ए-तैयबा बैन होने के बाद हाफ़िज़ ने दूसरा जमात-उद-दावा नाम का संगठन शुरू किया जो पाक अधिकृत कश्मीर में मदरसों के नाम पर आतंकी कैंप चलने लगा। पाकिस्तान के कई हिस्सों में हाफ़िज़ के आतंकी कैंप मौजूद हैं। खबरों की माने तो मुंबई हमले से पहले ही हाफिज ने जमात-उद-दावा स्थापित कर लिया था। लेकिन उस वक़्त सार्वजनिक नहीं किया था।

पाकिस्तान पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद से जमात-उद-दावा पर शिकंजा कसना शुरू किया है।जिसके बाद हाफिज ने फलाह-ए-इंसानियत के नाम से टेरर फंडिंग का खेल शुरू किया। हालांकि इस सभी स्कूल, मदरसे, कॉलेज पर पंजाब पुलिस ने सीज कर दिया था।

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Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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