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WHO का दावा: लॉकडाउन भी नहीं बचा सकता कोरोना से, अगर नहीं किया ये काम....

कोरोना वायरस से बचने और बढ़ने से रोकने के लिए दुनियाभर के देश लॉक डाउन कर रहे हैं. भारत में भी 80 जिलों में लॉक डाउन और 13 जिलों को अब तक पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया गया, लेकिन सवाल ये हैं कि क्या लॉक डाउन से कोरोना से बचा जा सकता है?

Shivani Awasthi
Published on: 23 March 2020 3:41 AM GMT
WHO का दावा: लॉकडाउन भी नहीं बचा सकता कोरोना से, अगर नहीं किया ये काम....
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचने और बढ़ने से रोकने के लिए दुनियाभर के देश लॉक डाउन कर रहे हैं. भारत में भी 80 जिलों में लॉक डाउन और 13 जिलों को अब तक पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया गया, लेकिन सवाल ये हैं कि क्या लॉक डाउन से कोरोना से बचा जा सकता है? क्या लॉक डाउन भारत या अन्य देशों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर नियंत्रण लगाने के साथ ही पीड़ितों और मृतकों की संख्या पर काबू कर पायेगा?

WHO का लॉकडाउन पर बड़ा दावा

भारत समेत दुनिया के तमाम देशों ने अपने यहां लोगों की आवाजाही और घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रखी है. देशों की सरकारें ये प्रयास कर रहीं हैं कि कोरोना वायरस को कम से कम फैलने से रोका जाए. हालाँकि देशों के लॉक डाउन के इस कदम को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ा खुलासा किया है। WHO के मुताबिक, मात्र लॉकडाउन से कोरोना वायरस को फैलने से रोका नहीं जा सकता।

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WHO के माइक रायन ने लॉकडाउन पर बयान देते हुए कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन ही कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं है, इस वक्त जरूरत है कि जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं उन्हें ढूंढा जाए और निगरानी में रखा जाए. तभी इसको रोका जा सकता है।

उन्होंने लॉक डाउन को लेकर तर्क दिया कि जब लॉक डाउन खत्म होगा तो लोग अचानक से बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे और ऐसे में खतरा वर्तमान से ज्यादा बढ़ जाएगा।

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बता दें कि चीन से पनपे कोरोना की चपेट में आने से वहां मरने वालो की सुनामी सी आ गयी थी, जिसके बाद देश में लॉक डाउन घोषित करने के साथ ही वहां कि सरकार ने उस हर व्यक्ति की जांच की, जिसपर कोरोना वायरस का खतरा था. अब चीन के हालत सुधरे हैं और कोरोना से संक्रमण के मामले कम हो गए हैं।

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हालाँकि चीन के बाद इटली, ईरान, स्पेन और यूके जैसे देशों की स्थिति बिगड़ गयी. यहां मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रहे है. इसे लेकर माइक रायन ने सलाह दे कि चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया की तरह ही यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों को भी यही मॉडल लागू करना चाहिए। सबसे पहले इसे बढ़ने से रोकना है. इस दौरान संदिग्धों को ढूढ़ कर उनकी जांच कर कोरोना को खत्म करना है.

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गौरतलब है कि अब तक दुनिया में कोरोना वायरस के ढाई लाख के करीब मामले सामने आये हैं. वहीं लगभग 15 हजार लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. मात्र भारत में सोमवार तक 400 के करीब पॉजिटिव मामले आये हैं और मरने वालों की संख्या 7 हो गयी।

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Shivani Awasthi

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