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जमीन में भगवान शिव: सभी की आँखें खुली की खुली, लग गई भीड़
वियतनाम में बहुत ही रोचक किस्सा हुआ है। यहां पर खुदाई करते समय बलुआ पत्थर का बना भगवान शंकर का शिवलिंग मिला है। भगवान का शिवलिंग मिलने के बाद से ही चर्चाएं तेजी से होने लगी।
नई दिल्ली : वियतनाम में बहुत ही रोचक किस्सा हुआ है। यहां पर खुदाई करते समय बलुआ पत्थर का बना भगवान शंकर का शिवलिंग मिला है। भगवान का शिवलिंग मिलने के बाद से ही चर्चाएं तेजी से होने लगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) वहां के प्रसिध्द माई सन मंदिर की खुदाई कर रहा था, उसी समय ये आकृति मिली। वियतनाम में मिली इस आकृति की जानकारी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके दी और इसके साथ में ही तस्वीरें भी शेयर कीं। ऐसा माना जा रहा है कि ये शिवलिंग करीब 1100 साल पुराना है।
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सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध
दक्षिण पूर्वी एशिया के देश वियतनाम के साथ प्राचीन भारत के बहुत सारे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रह चुके हैं। इसके प्रमाण जब-तब मिलते ही रहते हैं। जैसे बौद्ध धर्म को मानने वाले इस देश में 13वीं शताब्दी तक हिंदू और बौद्ध धर्म की कलाकृतियां पुरातात्विक खुदाई में मिल चुकी हैं।
इससे पहले सन् 2011 में, जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने माई सन के कुछ हिस्सों को रिस्टोर करने का जिम्मा लिया। इसकी दो बड़ी वजहें थीं।
पहली तो ये कि वियतनाम के साथ अपने प्राचीन काल से चले आ रहे रिश्ते को मजबूती देना।
दूसरी ये कि इस रिस्टोरेशन के दौरान एक ऐसे मंदिर को पुर्नस्थापित करना, जो सांस्कृतिक तौर पर भारत और वियतनाम दोनों के लिए ही काफी अहम रहा है।
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6 और शिवलिंग भी मिल चुके
लेकिन यहां से जो शिवलिंग बलुआ पत्थर का बना हुआ है और एकदम साबुत मिला है। सामने आई रिपोर्ट में एएसआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस विशाल शिवलिंग के अलावा पहले ही खुदाई में 6 और शिवलिंग भी मिल चुके हैं।
आगे बताते हुए मंदिर परिसर से पहले भी कई मूर्तियां और कलाकृतियां मिली हैं, जिनमें भगवान राम और सीता की शादी की कलाकृति और नक्काशीदार शिवलिंग प्रमुख हैं। आपको बता दें, पहाड़ों से घिरा ये मंदिर प्रांगण करीब दो किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
साथ ही ये भी माना जाता है कि वियतनाम में कभी हिंदू राजाओं का शासन रहा होगा। सिर्फ वियतनाम ही नहीं, बल्कि इस श्रेणी में कई देश शामिल थे, जिन्हें पहले Farther India कहा जाता था।
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गहरे सांस्कृतिक संबंध
बता दें कि ये टर्म फ्रेंच शोधार्थी जॉर्ज कोड्स ने दी थी, जिसमें वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, थाइलैंड, म्यांमार देश शामिल थे। यानी जिस दौर में लिखने या डॉक्युमेंट करने का काम शुरू नहीं हुआ होगा, जब वियतनाम और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध रहे होंगे।
ये तो सिर्फ वियतनाम की कहानी है लेकिऩ सिर्फ यही अकेला देश नहीं, जहां हिंदू मंदिरों के अवशेष मिल रहे हैं और मिलते आए हैं, बल्कि कंबोडिया में एक पूरा मंदिर ही है, जिसे हिंदुओं का पांचवा धाम बनाने तक की बात हो रही है।
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मंदिरों का शहर
इसके साथ ही अंकोरवाट मंदिर नाम से इस मंदिर को लगभग 1113 ई और 1150 ई के बीच बना माना जाता है। ये 500 एकड़ के क्षेत्र में बना है। बता दें, अंकोरवाट का शाब्दिक अर्थ है मंदिरों का शहर। ये खूबसूरत मंदिर हिन्दुओं के भगवान विष्णु के मंदिर के रूप में बना था।
फिर बाद में 14वीं सदी में इसे बौद्ध धर्म के मंदिर में बदल दिया गया और भगवान बुद्ध की मूर्ति भी स्थापित की गई। आपको बता दें, कि कंबोडिया में आज भी सैकड़ों मंदिर हैं। ऐसी कई जगहें हैं, लेकिन वे अभी सामने नहीं आ पाई हैं।
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