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खतरे में लाखों लोग: अब सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में आई महामारी, अलर्ट जारी

दुनिया कोरोना के कहर जूझ रही है। कई महीने बीत गए लेकिन कोरोना के खिलाफ जंग अभी भी जारी है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में भी अब कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला सामने आया है।

Vidushi Mishra
Published on: 15 May 2020 9:57 AM GMT
खतरे में लाखों लोग: अब सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में आई महामारी, अलर्ट जारी
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खतरे में लाखों लोग: अब सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में आई महामारी, अलर्ट जारी

नई दिल्ली। दुनिया कोरोना के कहर जूझ रही है। कई महीने बीत गए लेकिन कोरोना के खिलाफ जंग अभी भी जारी है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप में भी अब कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला सामने आया है। बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के कैंप में कोरोना वायरस ने दस्तक दी है।

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रिफ्यूजी कैंप में कोरोना के मामले

जानकारी देते हुए बांग्लादेश शरणार्थी सहायता आयोग के अध्यक्ष महबूब आलम तालुकदार ने गुरुवार को बताया कि कॉक्स बाजार स्थित रिफ्यूजी कैंप में कोरोना के मामले सामने आए हैं।

शरणार्थी और एक अन्य शख्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें आइसोलेशन केंद्र में भेज दिया गया है।

इसी पर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता लुईस डोनोवन ने बताया कि उन दोनों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। इसके साथ ही दोनों को आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। दूसरा संक्रमित व्यक्ति रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में नहीं रहता है, बल्कि वह कॉक्स बाजार जिले में रहता है।

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बता दें कि इस कैंप में दस लाख रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं। ये मामला आने के बाद चिंता बढ़ गई है। सीनियर अधिकारियों का कहना है कि यह एक गंभीर चेतावनी है क्योंकि कॉक्स बाजार शरणार्थी शिविर में दस लाख से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं और उनकी मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच सीमित है।

ये बहुत ही भयावह केस है क्योंकि कॉक्स बाजार बहुत ज्यादा तंग और भीड़भड़ाके वाला इलाका है। यह इलाका साफ-सफाई और साफ पानी की कमी से लगातार जूझ रहा है। यहां महामारी कोरोना वायरस से बचने के उपायों का पालन करन जटिल साबित हो सकता है।

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कैंप के तंबुओं में लगभग 40,000 लोग

वहीं रिपोर्ट के अनुसार यहां के कैंप के तंबुओं में लगभग 40,000 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर (103,600 प्रति वर्ग मील) के जनसंख्या घनत्व के साथ रहते हैं। यह बांग्लादेश के औसत घनत्व से 40 गुना अधिक है, यहां बनी हर झोपड़ी बमुश्किल 10 वर्ग मीटर (12 वर्ग गज) की है जिसमें कम से कम 12 लोग एक साथ रहते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि म्यांमार से 2017 में ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान भाग गए। उसके बाद वे सभी बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप में रह रहे हैं। यहां रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या करीब 10 लाख है।

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Vidushi Mishra

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