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कालापानी-लिपुलेख विवाद: भारत के खिलाफ ये कठोर फैसला लेगा नेपाल
आज नेपाल भारत विरोधी एक कदम उठाने जा रहा है, जिसके बाद विवाद और बढ़ सकता है। दरअसल, नेपाल में आज संसद में नए नक्शे को मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन पास किया जा सकता है।
नई दिल्ली: भारत-नेपाल विवाद और भी बढ़ता जा रहा है। वहीं आज नेपाल भारत विरोधी एक कदम उठाने जा रहा है, जिसके बाद विवाद और बढ़ सकता है। दरअसल, नेपाल में आज संसद में नए नक्शे को मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन पास किया जा सकता है।
इस नए नक्शे में भारत के भी तीन क्षेत्र नेपाल कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा भी शामिल हैं। बता दें कि इन सभी क्षेत्रों पर नेपाल अपना दावा पेश करता आया है। नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने 31 मई को नए नक्शे के बारे में ये बिल संसद में पेश किया था।
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भारत द्वारा सड़क निर्माण पर नेपाल ने दर्ज की थी आपत्ति
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को लिपुलेख में कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया था। ये रोड उत्तराखंड के लिपुलेख से होकर गुजरती है। नेपाल का दावा है कि इस रोड का करीब 19 किलोमीटर हिस्सा उसके संप्रभु क्षेत्र से होकर गुजरता है। नेपाल ने सड़क निर्माण को लेकर कड़ा विरोध किया था।
भारतीय सीमा के अंदर ही हो रहा निर्माण
वहीं भारत ने भी साफतौर पर कहा है कि उसकी तरफ से भारतीय सीमा के अंदर ही सड़क निर्माण या आधारभूत निर्माण किया जा रहा है। हालांकि भारत का यह भी कहना है कि नेपाल के साथ मित्रता देखते हुए वह सीमा विवाद को कूटनीतिक वार्ता के जरिए हर करने के पक्ष में है।
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आज संसद में पास किया जाएगा बिल
बता दें कि नेपाल ने सड़क निर्माण को लेकर विरोध जताने के बाद भारत के तीन क्षेत्रों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नए नक्शे में शामिल किया था। अब इस नए नक्शे को कानूनी मान्यता देने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन से जुड़ा बिल पास किया जा सकता है।
अगर बिल को मंजूरी मिल जाती है तो...
अगर संसद में इस बिल को मंजूरी मिल जाती है तो सांसदों को अपने फैसले में बदलाव करने के लिए 72 घंटे का समय दिया जाएगा। अगर इस बिल को लेकर किसी तरह का विरोध नहीं किया जाता है तो फिर उसी दिन बिल पास हो जाएगा। बिल पास होने के लिए सदन के दो-तिहाई वोटों को हासिल करना आवश्यक है।
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सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों ने किया समर्थन
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पास 275 सीटों में से 174 सीटें और विपक्ष नेपाली कांग्रेस के पास 63 सीटें हैं। नेपाली कांग्रेस ने भी संसोधन का समर्थन किया है। जिससे माना जा रहा है कि यह बिल आसानी से पास हो सकता है। इसके बाद दूसरे सदन में भी यही प्रोसेस अपनाया जाएगा।
बिल पास होने के बाद ये नया नक्शा ही नेपाल के सभी सरकारी दस्तावेजों में नजर आएगा। यहां तक कि संसद में बिल पास होने से पहले ही नेपाल के संसदीय सचिव ने नए नक्शे का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
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