नए अध्ययन में खुलासा: चीन ने दुनिया को अंधेरे में रखा, इतना पहले फैल गया था संक्रमण

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद पूरी दुनिया के निशाने पर आए चीन के बारे में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण पिछले साल अगस्त में ही शुरू हो गया था मगर चीन ने इस बाबत दुनिया को कोई जानकारी नहीं दी।

Ashiki
Published on: 10 Jun 2020 5:06 AM GMT
नए अध्ययन में खुलासा: चीन ने दुनिया को अंधेरे में रखा, इतना पहले फैल गया था संक्रमण
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद पूरी दुनिया के निशाने पर आए चीन के बारे में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण पिछले साल अगस्त में ही शुरू हो गया था मगर चीन ने इस बाबत दुनिया को कोई जानकारी नहीं दी। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन चीन के बारे में यह दावा किया गया है। चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में दुनिया को 31 दिसंबर को जानकारी दी थी।

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वुहान में अगस्त में ही फैल गया था संक्रमण

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी की मदद से मोहान शहर के कुछ तस्वीरों का अध्ययन किया है। चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस की उत्पत्ति मानी जा रही है। जानकारों का कहना है कि वहां से ही इस वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल जिन तस्वीरों के माध्यम से अध्ययन किया है वे तस्वीरें अगस्त 2019 और इससे ठीक एक साल पहले की हैं। इन तस्वीरों में वुहान के अस्पतालों के बाहर काफी संख्या में वाहनों की भीड़ दिख रही है। इससे पहले सिर्फ संक्रमण के चलते ही इस तरह की भीड़ देखी गई है। अध्ययन में दावा किया गया है कि संभव है कि चीन ने जिस समय इस वायरस के बारे में दुनिया को जानकारी दी, उससे काफी पहले ही वहां पर कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो चुका था।

शायद डॉक्टर नहीं पहचान पाए वायरस

इन तस्वीरों से पता चलता है कि पिछले साल अगस्त में वुहान के पांच बड़े अस्पतालों के बाहर आश्चर्यजनक रूप से वाहनों की काफी भीड़ थी। हालांकि यह भी संभव है कि बदलते मौसम के कारण खांसी, बुखार और डायरिया के मरीज समझकर लोगों का इलाज किया गया हो। अध्ययन में कहा गया है कि यह भी हो सकता है कि डॉक्टरों को शुरुआती दौर में इस बीमारी के बारे में पता ही न चल पाया हो।

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भारत में चीन से नहीं आया वायरस

इस बीच इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस (आईआईएससी) के ताजा अध्ययन में खुलासा किया गया है कि भारत में कोरोना का संक्रमण और चीन से नहीं हुआ। इस अध्ययन में कहा गया है कि यूरोप, मध्य पूर्व, ओशिनिया और दक्षिण एशियाई देशों से आए लोगों की वजह से भारत में कोरोना का वायरस फैला। अध्ययन में कहा गया है कि इन्हीं देशों से काफी संख्या में लोगों का भारत आगमन हुआ और उन्हीं के जरिए यह वायरस भारत में फैला। देश के इस शीर्ष संस्थान के वैज्ञानिकों ने जीनोमिक्स स्टडी के आधार पर यह दावा किया है।

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चिंता का विषय बनी कोरोना की रफ्तार

इस बीच कोरोना वायरस की रफ्तार में आई तेजी देश में चिंता का विषय बन गई है। पिछले तीन दिनों से देश में रोजाना करीब दस हजार मरीज कोरोना से संक्रमित मिले हैं और इस कारण कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2.68 लाख तक पहुंच गई है। नए केसों की रफ्तार के मामले में भारत ने ब्राजील को भी पीछे छोड़ दिया है। अब दुनिया में सबसे तेज गति से कोरोना मरीज भारत में ही मिल रहे हैं। कोराना से संक्रमित मरीजों के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जहां तक दुनिया का सवाल है तो दुनिया में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 72 लाख के पार पहुंच गया है।

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