×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

एक लाख मौत: इस दर्द से कैसे उभरेगा ये देश, क्यों फेल हुए ट्रंप

कोरोना वायरस से बुरी जूझ रहे अमेरिका का हालत बद से बदतर हो गई है। यहां कोरोना महामारी से मरने वालों का आकंड़ा 1 लाख से पार जा चुका है। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या भी 17 लाख के आस-पास पहुंच गई है।

Vidushi Mishra
Published on: 28 May 2020 1:28 PM IST
एक लाख मौत: इस दर्द से कैसे उभरेगा ये देश, क्यों फेल हुए ट्रंप
X

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बुरी जूझ रहे अमेरिका का हालत बद से बदतर हो गई है। यहां कोरोना महामारी से मरने वालों का आकंड़ा 1 लाख से पार जा चुका है। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या भी 17 लाख के आस-पास पहुंच गई है। चीन से फैली इस कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिला के रख दिया है। ऐसे में अगर सबसे ज्यादा हालात खराब है तो वो है अमेरिका की। हालातों को देखते हुए कि सब इस बात से हैरान-परेशान है कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सुपरपावर अमेरिका की महामारी के चलते क्या दुर्दशा हो जाएंगी।

ये भी पढ़ें....वैज्ञानिकों का बड़ा दावा: कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर हो सकती हैं ये दो दवाएं

कोरोना इतनी ज्यादा हावी हो गया

पूरी तरह से विकसित अमेरिका पर कोरोना इतनी ज्यादा हावी हो गया है कि उसके आगे वो बेबस सा हो गया है। पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा है कि क्या इस वायरस की गंभीरता को समझने में अमेरिका से कहीं चूक हो गई या फिर ये जानबूझ कर की गई लापरवाही का परिणाम है, जिसका अंजाम से इस समय अमेरिका के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

बढ़ते संक्रमण के बाद भी अमेरिका ने शुरूआत में कोरोना वायरस के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कहते रहे कि कोरोना वायरस का अमेरिका के लोगों पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है।

कोरोना की टेस्टिंग ने रफ्तार धीमी

इसके साथ ही अमेरिका में पहला संक्रमण का केस जनवरी में आया था इसके बावजूद यहां टेंस्टिंग की गति बहुत धीमी थी। दो महीनों में तेजी से मामले बढ़ने के बाद यहां कोरोना की टेस्टिंग ने रफ्तार धीमी पकड़ी।

ये भी पढ़ें....मिट्टी में दबा मिला जीवित नवजात शिशु, मासूम की कहानी जान रो देंगे आप

कुछ दिनों पहले अमेरिकी ट्रंप ने भी ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका इकलौता देश है, जिसने 1.5 करोड़ से अधिक टेस्ट करवाए हैं। वहीं न्यूयॉर्क के नेताओं ने कोरोना वायरस फैलने के लिए ट्रंप और टेस्टिंग सिस्टम की असफलता को जिम्मेदार ठहराया है।

ये भी पढ़ें....जानिए कौन हैं सावरकर, जयंती पर PM मोदी समेत इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

36,000 लोगों की जान का जिम्मेदार कौन

अन्य देशों की अपेक्षा में अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग देर से शुरू हुई। कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक अध्ययन में बताया गया अमेरिका ने दो सप्ताह पहले ही सोशल डिस्टेंसिंग शुरू की है। अगर ये निर्णय थोड़ा पहले ले लिया जाता तो कम से कम 36,000 लोगों की जान बच सकती थी। जोकि एक बहुत बड़ी गलती है।

ये भी पढ़ें....J&K में 40 KG. विस्फोटक, एक लावारिस सेंट्रो कार और हिजबुल का आतंकी कनेक्शन..

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मास्क पहनने का महत्व समझ चुकी है वहीं अमेरिका में कई लोग अभी भी इस बात पर बहस कर रहे हैं कि मास्क पहनना जरूरी है या नहीं। इस बहस में ही उन्होंने अपना कितना समय और कितने निर्दोंषों की जाने चली गई।

वहीं इसी के साथ अमेरिका के कई राज्यों में सिनेमा घर, बार, रेस्टोरेंट और सैलून उस समय ही खुलने शुरू हो गए थे, जब कोरोना वहां कम्यूनिटी स्प्रैड में था। तब ट्रंप अब अमेरिका को पूरी तरह से खोलने पर जोर दे रहे हैं। इसके साथ ही स्थानीय लोग सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें....पाक का गंदा खेल: खुफिया एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट, चीन का मिला है साथ



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story