×

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, अब नेपाल ने दिया ये बड़ा बयान

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस बीच नेपाल ने एक नया प्रस्ताव रखा है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नेपाल की सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहती है।

Dharmendra kumar
Published on: 27 Jan 2020 11:44 AM GMT
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, अब नेपाल ने दिया ये बड़ा बयान
X

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस बीच नेपाल ने एक नया प्रस्ताव रखा है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नेपाल की सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहती है।

एक मीडिया रिपोर्ट में नेपाल सरकार से जुड़े सूत्रों कहा गया है कि दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू करने के लिए नेपाल मध्यस्थता करना चाहता है ताकि दक्षिण एशियाई देशों के संगठन सार्क की प्रासंगिकता खत्म ना हो।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच और तनाव बढ़ गया है। भारत सरकार के फैसले को लेकर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं और उसने भारत के साथ कूटनीतिक रिश्ते खत्म कर दिए।

यह भी पढ़ें...PFI पर बड़ा खुलासा: प्रदर्शन के लिए 134 करोड़, कपिल सिब्बल हुए बेनकाब

रिपोर्ट में कहा गया है कि सूत्रों ने कहा कि दो देशों के बीच मतभेद और विरोधाभास हो सकते हैं, लेकिन उन्हें बातचीत के माध्यम सुलझाया जा सकता है, अगर जरूरी हुआ तो हम भी मध्यस्थता की भूमिका अदा कर सकते हैं, क्योंकि हम एक स्वतंत्र, तटस्थ और शांतिप्रिय देश हैं।

नेपाल सरकार के सूत्र ने भारतीय पत्रकारों से कहा कि हम एक माध्यम हो सकते हैं, हालांकि बेहतर यही होगा कि दोनों के बीच सीधा संवाद हो। किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता और बातचीत सबसे बेहतरीन तरीके हैं।

यह भी पढ़ें...अभी-अभी खौफनाक हादसा: 20 छात्रों से भरी बस का हुआ ऐसा हाल, हालत नाजुक

रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल सरकार के सूत्रों ने कहा कि जब हम साथ आते हैं, साथ बैठते हैं और अपना नजरिया साझा करते हैं तो मुद्दों का समाधान भी हो जाता है। हर हालात में हमें साथ आकर बैठना होगा और समस्या का समाधान करना होगा नहीं तो स्थितियां और बिगड़ती चली जाएंगी।

दक्षिण एशियाई देशों के प्रमुख संगठन सार्क को लेकर चिंता जताया है। इसके साथ कहा गया है कि 8 सदस्यीय संगठन को फिर से मजबूत करना चाहिए और सभी तरह की गलतफहमियों को दूर किया जाना चाहिए। सूत्र ने कहा, सार्क (SAARC) समाप्त नहीं हुआ है, ये जीवित है, बात सिर्फ ये है कि हम लंबे समय से मिले नहीं है। उम्मीद है कि हम इस संगठन में फिर से जान डाल सकेंगे।

यह भी पढ़ें...यशवंत सिंहा का BJP पर गंभीर आरोप, अखिलेश के साथ आते ही बदल गये सुर

सार्क की आखिरी समिट 2014 में नेपाल के काठमांडू में हुई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शरीक हुए थे। 2016 की सार्क समिट इस्लामाबाद में आयोजित होनी थी, लेकिन उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था।

भारत के समिट का बहिष्कार करने के बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी सार्क समिट में शामिल होने से इंकार कर दिया था। पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क से मौजूद सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए भारत ने पिछले तीन सालों से सार्क से दूरी बनाई हुई है।

नेपाल सरकार के सूत्र ने कहा कि सार्क और आतंकवाद के बीच कोई संबंध नहीं है। हम आतंकवाद के हर रूप की आलोचना करते हैं, लेकिन सार्क का इससे कोई संबंध नहीं है। गौरतलब कि नेपाल, भारत, पाकिस्तान, मालदीव्स, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान सार्क के सदस्य देश हैं।

यह भी पढ़ें...ताबड़तोड़ चले पत्थर: दहशत में बदल गई तिरंगा यात्रा, कांप उठे लोग

नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) और नेपालियों-गोरखा पर इसके असर पर मीडिया रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने कहा कि हमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया है कि उन पर इस कानून का कोई असर नहीं पड़ेगा। यह भारत का आतंरिक मामला है और वे इसे खुद सुलझा लेंगे।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story