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राम के बाद रावणः श्रीलंका खोजेगा रावण के विमान के लुप्त वायु मार्ग
श्रीलंका के सिविल एविएशन अथॉरिटी ने कहा है कि वह पौराणिक किरदार रावण और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हवाई मार्ग को लेकर एक शोध कराएगा।
कोलंबो: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भगवान श्री राम और अयोध्या पर बेतूका बयान देने के बाद अब वहां का पुरातत्व विभाग शोध की योजना बना रहा है। वहीं अब दूसरी ओर श्रीलंका राजा रावण से जुड़ी अपनी विरासत को खोजने में जुटा हुआ है। श्रीलंका के सिविल एविएशन अथॉरिटी ने कहा है कि वह पौराणिक किरदार रावण और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हवाई मार्ग को लेकर एक शोध कराएगा।
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रावण से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा
एविएशन अथॉरिटी ने एक विज्ञापन में लोगों से रावण और प्राचीन वायु मार्गों को लेकर किसी भी तरह के दस्तावेज या साहित्यिक प्रमाण उपलब्ध कराने के लिए कहा है। एविएशन के एक अधिकारी के मुताबिक, ये शोध राजा रावण के बारे में आधिकारिक जानकारी जुटाने के लिए किया जा रहा है। क्योंकि उनके बारे में कई तरह की कहानियां हैं।
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रामायण ट्रेल को प्रोत्साहित कर रहा टूरिजम सेक्टर
एविएशन के अधिकारी ने कहा कि राजा रावण के विमान और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हवाई मार्ग को लेकर कई सालों से कहानियां चली आ रही हैं, इसलिए अब हम इस पर अध्ययन करना चाहते हैं। इसके साथ ही श्रीलंका का टूरिजम सेक्टर भारत से आने वाले पर्यटकों के लिए रामायण ट्रेल को भी प्रोत्साहित कर रहा है।
श्रीलंका के लिए रावण बहादुर और विद्वान राजा
हालांकि भारत की रामायण के विलेन रावण को श्रीलंका में देश के एक बहादुर और विद्वान राजा के तौर पर देखा जाता है। सिंघल-बौद्ध रावण को आस्था की नजरों से देखते हैं। यहां तक कि सिंहल-बौद्ध का एक समूह खुद को रावण बल्य कहता है। वहीं, श्रीलंका की ओर से उसके पहले सेटेलाइट का नाम रावण-1 रखा गया था।
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दांदु मोनारा नाम का विमान उड़ाता था रावण
वहीं साल 2016 में कोलंबो में हुए सिविल एविएशन की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तत्कालीन उड्डयन मंत्री निर्मला सिरिपाला ने कहा था कि आधुनिक एविएशन का इतिहास राइट ब्रदर्स से शुरू हुआ है लेकिन श्रीलंका में किवंदंती है कि रावण नाम का एक बहादुर राजा दांदु मोनारा नाम का विमान उड़ाता था। वो केवल श्रीलंका ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में विमान उड़ाता था।
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माता सीता को अपहरण करना था एक भारतीय संस्करण
वहीं, सम्मेलन ने निष्कर्ष निकाला था कि रावण पांच हजार साल पहल श्रीलंका से आज के भारत के लिए रवाना हुआ था और वापस आ गया था। हालांकि इन कहानियों को खारिज कर दिया कि रावण ने माता सीता का अपहरण किया था। सरकार की ओर से दावा किया गया था कि यह एक भारतीय संस्करण था। सरकार ने कहा कि इसके विपरीत रावण एक महान राजा था।
रावण को "महा ब्राह्मण" के रूप में वर्णित किया गया
श्रीलंका के लोगों का मानना है कि रावण एक दयालु और विद्वान राजा था। कुछ भारतीय धर्मग्रंथ में भी रावण को "महा ब्राह्मण" के रूप में वर्णित किया गया है। भारत के रामायण के मुताबिक, रावण एक पुष्पक नाम का विमान चलाया करता था। इसी विमान से उसने सीता माता का अपहरण कर लंका ले गया था।
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