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मचा हाहाकार: खतरा लेकर उड़ा पूरा प्लेन, अब पूरी दुनिया में है तबाही
दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और हो रही मौतों के बाद भी ईरान की एक एयरलाइन ने कई देशों में अपनी सेवाएं जारी रखी हैं। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को भी विमान में सफर कराया गया।
नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और हो रही मौतों के बाद भी ईरान की एक एयरलाइन ने कई देशों में अपनी सेवाएं जारी रखी हैं। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को भी विमान में सफर कराया गया। ईरान की ये खुफिया जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 31 जनवरी को विमानों के चीन जाने या चीन से वापस लौटने पर बैन लगा दिया था। लेकिन इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से जुड़े कई प्राइवेट एयरलाइन महान एयर ने बहुत सप्ताहों के बाद तक सेवाएं चालू रखी।
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महान एयर के विमान मार्च तक उड़ान भरते रहे
इसके चलते एयरलाइन महान एयर के विमान चीन और अन्य देशों में उड़ान भरते रहे। चीन से इसकी सेवाएं चल रही थी, जिबकी चीन से ही आज पूरी दुनिया की ये हालत है।
साथ ही एयरलाइन ने बैन के बाद विमान सेवाएं चालू रखने को लेकर झूठ बोला गया। वहीं ईरान की राजधानी तेहरान और चीन के एयरपोर्ट के डाटा में ये बात भी साबित हुई है कि महान एयर के विमान मार्च तक उड़ान भरते रहे।
हालांकि 6 फरवरी को एक विमान चीन के वुहान से 70 ईरानी छात्रों को लेकर आया और फिर उसी दिन विमान ने इराक के लिए भी उड़ान भरी थी।
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कोरोना संक्रमण रोकने के मुद्दे को उठाया
ऐसे में महान एयर का ये दावा है कि 6 फरवरी की फ्लाइट की आलोचना होने के बाद उसने चीन से सभी विमानों को कैंसल कर दिया था। लेकिन Flightradar24 के डाटा के अनुसार, 23 फरवरी तक बीजिंग, शंघाई और गुआंझोऊ और शेनझेन से 55 और विमानों ने उड़ान भरी।
वहीं रिपोर्ट में इस बात का भी पता चला है कि इराक और लेबनान में कोरोना वायरस के पहले मामले महान एयर के विमान से ही सामने आए। एयरलाइन के जो विमान चीन से तेहरान के लिए उड़ान भरते थे, वहीं विमान 24 घंटे के अंदर बर्सिलोना, दुबई, कुआलालंपुर और इंस्ताबुल भी जाते थे।
इसके बावजूद एयरलाइन्स के केबिन क्रू ने पीपीई किट की कमी और विमानों में कोरोना संक्रमण रोकने के मुद्दे को उठाया था, लेकिन उन्हें चुप करा दिया गया था।
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इनमें कोई पैसेंजर विमान नहीं
वहीं, एयरलाइन महान एयर का ये भी कहना है कि उसके विमान मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए चीन जा रहे थे और इनमें कोई पैसेंजर विमान नहीं थे। लेकिन आई रिपोर्ट में कहा गया है कि असल में ये पैसेंजर फ्लाइट्स ही थीं।
बता दें कि असलीयत में ईरान खुद पीपीई और मेडिकल इक्विपमेंट की कमी से जूझता रहा है, ऐसे में इसकी संभावना काफी कम है कि वह चीन को मानवीय सहायता भेज रहा था।
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