Maruti Suzuki Gypsy Price: इंडियन आर्मी के लिए रेट्रोफिट हुई Maruti Gypsy SUV, आइए जानते हैं डिटेल्स

Maruti Suzuki Gypsy Price in India: इंडियन आर्मी के लिए Maruti Gypsy SUV में रेट्रोफिटिंग की गई है। इसके बाद से यह गाड़ी और भी शक्तिशाली और सुरक्षित हो गई है। नया सुधार उन सभी चीजों को शामिल करता है जो आर्मी के लिए जरूरी हैं, जैसे कि एक शक्तिशाली इंजन, ट्रैंसमिशन, ब्रेक और टायर इत्यादि। इसके अलावा, इस गाड़ी में सुरक्षा के लिए कई उन्नयन हुए हैं। इस गाड़ी का उपयोग अब भारतीय सेना के बाहर भी हो सकता है।

Update: 2023-04-28 17:57 GMT
Maruti Gypsy (newstrack)

Maruti Suzuki Gypsy Price in India: मारुति कंपनी अपने देश की सबसे पुरानी और सबसे विश्वसनीय ऑटोमेकर कंपनीज में गिनी जाती है। इस कंपनी के कई ऐसे सेगमेंट हैं जो ऑटोमोबाइल बाजार में दशकों से अपनी धाक जमाएं हुए है। जिनमें से इसकी एक ऐसे ही बेहतरीन और मोस्ट पॉपुलर सेगमेंट है मारूति जिप्सी। काफी लंबे से भारतीय सड़क पर धूम मचाने वाली मारुति जिप्सी को बिल्कुल नए इलेक्ट्रिक अवतार में पेश किया गया है। इस पुरानी जिप्सी को ख़ास तौर पर इंडियन आर्मी के लिए तैयार किया गया है, जिसे इंडियन आर्मी, IIT दिल्ली और टैडपोल प्रोजेक्ट्स नामक स्टार्टअप ने मिलकर रेट्रोफिट किया है। इस Maruti Gypsy Electric को आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (ACC) में हाल ही में प्रदर्शित किया गया है। आइए जानते हैं इस खबर से जुड़े डिटेल्स....

आखिर क्या है ये टैडपोल प्रोजेक्ट्स स्टार्टअप?

ये स्टार्टअप पुरानी विंटेल कारों को भी रेट्रोफिट करता है, जिससे पुरानी कारों को नए तरह से मॉडिफाई कर उन्हें तैयार किया जाता है। रेट्रोफिट ऑपरेशन के पीछे टैडपोल प्रोजेक्ट्स स्टार्टअप ने काम किया है, इस स्टार्टअप को आईआईटी-दिल्ली के तहत इनक्यूबेट किया गया है। इस स्टार्टअप के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, टैडपोल प्रोजेक्ट्स मुख्य रूप से विंटेज कारों और जिप्सी के साथ काम करता है।

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किस रूप में आई थी पहली Gypsy:

शुरुआत में, यह केवल सॉफ्ट-टॉप के रूप में उपलब्ध थी, लेकिन लोकप्रिय होने के बाद हार्डटॉप के साथ पेश किया गया। हालांकि कुछ वजहों से कंपनी ने साल 2018 में इसका प्रोडक्शन आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया था। मारुति जिप्सी और इंडियन आर्मी के बीच जुड़ाव की अगर बात की जाए तो इन दोनों के बीच बहुत पुराना नाता है, लंबे समय तक ये गाड़ी एसयूवी आर्मी को अपनी सेवाएं देती रही है। कंपनी ने मारुति जिप्सी को दिसंबर 1985 में पहली बार पेश किया था, उस वक्त इस एसयूवी को 970 सीसी F10A सुजुकी इंजन के साथ भारतीय बाजार में उतारा गया था।

आईसीई वाहनों की लाइफ को बढ़ाने का एक अच्छा विकल्प

पुराने वाहनों के ईवी बदलने से गाड़ी की लाइफ बढ़ने के साथ साथ उन्हें किसी खास विंटेज कार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में इंजन कंपोनेंट्स की अदला-बदली, बैटरी प्लेसमेंट के लिए बेहतर स्पॉट का पता लगाना, बैटरियों के सेटअप और मौजूदा ड्राइवट्रेन को इलेक्ट्रिक मोटर से जोड़ना जैसे काम शामिल हैं। यह पुराने और इस्तेमाल न होने वाले आईसीई वाहनों की लाइफ को बढ़ाने एक अच्छा तरीका है। यदि किसी वाहन से इमोशनल फीलिंग जुड़ी हुईं हैं तो स्क्रैप करने के बजाय EV में तब्दील किया जा सकता है।

इंडियन आर्मी की इलेक्ट्रिक Gyspy: का कैसा होगा लुक

इंडियन आर्मी की इलेक्ट्रिक Gyspy की बात करें तो इस
इलेक्ट्रिक Gyspy के मूल डिज़ाइन में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि इस Maruti Gyspy को इलेक्ट्रिक अवतार में तब्दील करने के लिए इसमें 30 kW की क्षमता का किट इस्तेमाल किया गया है, जो कि सिंगल चार्ज में 120 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देती है। इस एसयूवी के बॉडी पर 'EV' बैजिंग और इंडियन आर्मी का लोगो एक बदलाव के रूप में जरूर नजर आ सकता है।

रेट्रोफिटेड ईवी कन्वर्जन से क्या होगा फायदा

भारतीय सेना जिप्सियों से अच्छी तरह से परिचित है, और वह इन्हें कुछ ही मिनटों में पूरी तरह से अलग करके फिर से वापस जोड़ने में सक्षम हैं। रेट्रोफिटेड ईवी कन्वर्जन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मौजूदा वाहनों को जीरो-उत्सर्जन पावरट्रेन के साथ फिर से उपयोग करने लायक बनाया जा सकता है।

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