Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता कांड में CBI का बड़ा खुलासा, अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाया, पुलिस भी...

Kolkata Doctor Rape Murder Case: सीबीआई सूत्रों की मानें तो पचास मिनट तक पुलिस को मामले की सूचना ही नहीं दी गई। वही डॉक्टर की मौत की जानकारी माता-पिता को भी काफी देर में दी गई। मामले की सूचना पर जब पुलिस पहुंची, तो वो भी काफी तेजी में नजर आई।

Written By :  Durgesh Sharma
Update:2024-08-19 19:29 IST

Kolkata Doctor Rape Murder Case (Pic: Newstrack)

Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले में सिर्फ अस्पताल प्रशासन ही नहीं बल्कि पुलिस ने भी काफी कुछ छिपाने की प्रयास की। अब इस मामले में एक सबूत सामने आया है। मेडिकल कालेज प्रशासन को जब पता चला कि महिला डॉक्टर की हत्या हो गई है, तो अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। सीबीआई सूत्रों की मानें तो पचास मिनट तक पुलिस को मामले की सूचना ही नहीं दी गई। वही डॉक्टर की मौत की जानकारी माता-पिता को भी काफी देर में दी गई। मामले की सूचना पर जब पुलिस पहुंची, तो वो भी काफी तेजी में नजर आई। यहां तक कि जब पुलिस शव लेकर श्मशान घाट पहुंची, तो वहां भी कहा कि, पहले इसका अंतिम संस्कार करों। ये देखकर श्मशान घाट पर उपस्थित कर्मचारी काफी हैरान थे।

महिला डॉक्टर का कान कटा हुआ था और चेहरे पर...

श्मशान घाट के एक कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस पानी हाटी श्मशान घाट आयी थी। उसने बताया कि महिला डॉक्टर का कान कटा हुआ था और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान थे। आगे उन्होंने जो कुछ कहां वो बहुत हैरान कर देने वाला मामला था। बताया कि उस रात जब शव लाया गया था तो उसके साथ भारी पुलिस बल भी आया था। उस इलाके के पार्षद के साथ ही परिवार के लोग भी मौजूद थे। हांलाकि उस वक्त हमारे पास दो और मृत शरीर थी। लेकिन पुलिस ने कहा कि सब रोको, पहले इस लड़की का अंतिम संस्कार करना है। तब सब लोगों ने मिलकर उस लड़की की पहले अंतिम संस्कार किया। तब उस समय न तो परिवार के किसी शख्स ने हमें कुछ बताया और न ही बाद में इसका कोई जिक्र किया। पुलिस कानून व्यवस्था की बात कर रही थी। शायद इसलिए हमसे जल्दीे अंतिम संस्कार करने के लिए बोला गया होगा।

इन सवालों के जवाब में जुटी सीबीआई

जांच एजेंसी को अभी भी शक है कि कुछ न कुछ छिपाया जा रहा है। इसलिए सीबीआई लगातार चौथे दिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिंपल डॉ. संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। सीबीआई की टीम रोजाना उनसे करीब 10 से 12 घंटे तक सवाल कर रही हैं। पूछा गया कि आखिर पुलिस को बताने में इतनी देर क्यों हुई ? जहां पर वारदात हुई, वहां पर तुरंत निर्माण का काम क्यों शुरू किया गया ?

आरोपी की बातों पर यकीन नहीं

वहीं घटना का मुख्य आरोपी संजय रॉय के बयानों में भी विरोधाभास नजर आ रहा है। जांच पड़ताल में सीबीआई को लग रहा है कि संजय रॉय कुछ सच छुपा रहा है, इसलिए अब उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। संजय रॉय ने हत्या की बात स्वीकार की है, लेकिन सीबीआई को अभी भी उसकी बात पर भरोसा नहीं हो रहा है।

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