Bihar Politics: क्या नीतीश खुद को मोदी के विकल्प के रूप में पेश करने की कर रहे हैं तैयारी ?
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की अटकलें कोई आज की नहीं है। साल 2014 में भी नरेंद्र मोदी को लेकर BJP के साथ उनका खटपट हुआ था।
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) का पांच साल बाद एक बार फिर हृदय परिवर्तन हुआ है। 2017 में महागठबंधन को बॉय-बॉय कहने वाले नीतीश ने अब 2022 में बीजेपी को बॉय-बॉय कह दिया है। अपने आवास पर जदयू नेताओं के साथ बैठक में इस फैसले की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी (BJP) ने हमें कमजोर करने की कोशिश की और हमेशा हमें अपमानित किया। बीजेपी के साथ संबंध विच्छेद की वजह बिहार सीएम भले अपने गठबंधन सहयोगी के रवैये को बताते हों लेकिन सियासी जानकार इसे पूरा सच नहीं मानते हैं।
ये ठीक वैसा ही है जैसा उन्होंने साल 2017 में राजद के साथ गठबंधन तोड़ने की वजह भ्रष्टाचार (corruption in bihar) के खिलाफ जीरों टॉलरेंस की अपनी नीति को बताया था, जबकि असल वजहों से हर कोई अवगत है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से तकरीबन डेढ़ साल पहले बिहार सीएम के इस फैसले ने सियासी हलकों में भविष्य को लेकर कई अटकलों को जन्म दे दिया है। इनमें सबसे अधिक अटकलें नीतीश कुमार के विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की है।
पीएम मोदी का विकल्प बनेंगे नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की अटकलें कोई आज की नहीं है। साल 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भी जब नरेंद्र मोदी को लेकर बीजेपी के साथ उनका खटपट हुआ था, तो इसके पीछे भी वजह इसे ही बताई जा रही थी। सियासी जानकारों के मुताबिक, उस दौरान नीतीश कुमार का मानना था कि अगर मोदी पीएम उम्मीदवार बन सकते हैं और गुजरात मॉडल की दुहाई दे सकते हैं तो भला उनमें क्या कमी है, उनके पास भी बिहार मॉडल है, जिसके बल पर वो लगातार चुनाव जीत रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने कभी खुद को खुलेतौर पर पीएम उम्मीदवार नहीं बताया।
अब आते हैं वर्तमान परिस्थितियों पर। सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक नीतीश कुमार साल 2024 के आम चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार बनेंगे। जो डील हुई उसके अनुसार, सीएम नीतीश 8 से 10 माह बिहार के सीएम रहेंगे और उसके बाद विपक्ष के पीएम पद के प्रत्याशी बनेंगे। इसे लेकर उनकी बात कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से भी हो चुकी है। बता दें कि जदयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा समेत पार्टी के कई बड़े नेता बीते कुछ दिनों से लगातार कह रहे हैं कि नीतीश पीएम मैटेरियल हैं। उनके इन बयानों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नीतीश क्यों बन सकते हैं पीएम कैंडिडेट ?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते 17 सालों से बिहार की राजनीति में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। वह सात बार सीएम रह चुके हैं। उनका ये कद विपक्ष के नेताओं में उनकी हैसियत को काफी बढ़ाता है। 40 साल के सियासी सफर में उनकी छवि अब तक बेदाग रही है। उनके ऊपर करप्शन का कोई आरोप नहीं है। केंद्रीय राजनीति में हिंदी पट्टी राज्यों की भूमिका सबसे अधिक है।
वर्तमान में विपक्ष के जितने भी दिग्गज नेता हैं, जिन्होंने मोदी –शाह की बीजेपी को पटखनी दी है, वो सभी गैर –हिंदी भाषी राज्यों से आते हैं। उनकी हिंदी अच्छी नहीं है, जिससे हिंदी पट्टी के राज्यों में लोगों के साथ ट्यूनिंग जमाने में उन्हें दिक्कत होगी। नीतीश कुमार के पास ये एक प्लस प्वाइंट है। इसके अलावा लंबे समय से राजनीति में होने के कारण लोग उन्हें जानते भी हैं। नीतीश कुमार से कांग्रेस को भी कोई सियासी खतरा नहीं है, लिहाजा कांग्रेस को उन्हें अपना समर्थन देने में कोई दिक्कत नहीं होगा।