Bihar Congress: नए अध्यक्ष की घोषणा से पहले ही घमासान, दलित चेहरे पर पार्टी के कई नेताओं को आपत्ति
Bihar Congress: बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष की रेस में विधायक राजेश राम सबसे आगे बताए जा रहे हैं, मगर उनकी ताजपोशी से पहले ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।;
सोनिया गांधी-राहुल गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Bihar Congress: विभिन्न राज्यों में संकट से जूझ रही कांग्रेस (Congress) के लिए अब बिहार (Bihar) में भी मुश्किलें पैदा होती दिख रही हैं। किसी दलित (Dalit) चेहरे को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष (Bihar Congress President) बनाए जाने की चर्चाओं के बाद प्रदेश कांग्रेस में घमासान छिड़ता नजर आ रहा है। बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष की रेस में विधायक राजेश राम (Dalit Leader Rajesh Ram) सबसे आगे बताए जा रहे हैं, मगर उनकी ताजपोशी से पहले ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि अध्यक्ष के नाम का फैसला करने में सिर्फ जाति को ही आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। इन नेताओं का कहना है कि नेतृत्व की क्षमता, संगठन कौशल और पार्टी की सेवा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जल्द ही नए अध्यक्ष के बारे में अंतिम फैसला करेंगे।
मदन मोहन झा (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
लंबे समय से नए अध्यक्ष की कवायद
बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के दौरान कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक था। विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस दबाव बनाकर 70 सीटें झटकने में कामयाब हो गई थी मगर चुनावी नतीजों में उसे सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी। कांग्रेस के इस खराब चुनावी प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। उनकी इस पेशकश के कई महीनों बाद भी पार्टी को अभी तक नया प्रदेश अध्यक्ष (State President) नहीं मिल सका है।
अब एक बार फिर पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व किसी दलित को नया अध्यक्ष बनाने का पक्षधर है। इस मामले में विधायक राजेश राम का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। उनके साथ ही सात-आठ कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त करने की तैयारी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास राजेश राम को अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से औरंगाबाद जिले के राजेश राम की जल्द ही ताजपोशी की जा सकती है।
सोनिया-राहुल गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
सोनिया-राहुल लेंगे अंतिम फैसला
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजेश राम की ताजपोशी पर सोनिया और राहुल गांधी जल्द ही फैसला ले सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक यदि दलित चेहरे को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया तो पिछड़ों, अति पिछड़ों, सवर्णों और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े नेताओं को भी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कांग्रेस नेतृत्व सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश में जुटा हुआ है। कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में चंदन यादव, कुमार आशीष, प्रवीण कुशवाहा और कुछ अन्य नेताओं के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
ताजपोशी से पहले कई नेताओं ने जताई आपत्ति
वैसे राजेश राम की ताजपोशी से पहले ही उनके नाम पर आपत्ति जताई जाने लगी है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि हाल के वर्षों में सवर्ण और खासकर ब्राह्मण व अल्पसंख्यक ही कांग्रेस के वोट का मुख्य आधार रहे हैं। ऐसे में पार्टी को नेतृत्व का फैसला लेने में इस बात का भी ध्यान रखना होगा।
पार्टी में एक वर्ग का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पद पर फैसला सभी से चर्चा के बाद लिया जाना चाहिए। सिर्फ जाति के आधार पर किसी की ताजपोशी नहीं होनी चाहिए। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के पक्ष में फैसला लेने से पहले उसकी नेतृत्व क्षमता, संगठन कौशल और जातीय व क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। सिर्फ जाति के आधार पर फैसला लेने से आगे चलकर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
किशोर कुमार झा (फोटो साभार- ट्विटर)
प्रदेश के नेताओं से नहीं हुई कोई चर्चा
प्रदेश कांग्रेस के नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य किशोर कुमार झा का कहना है कि नए अध्यक्ष के संबंध में अभी तक प्रदेश के नेताओं के साथ कोई चर्चा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने वाले नाम पर ही विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए पहले प्रदेश के नेताओं के साथ विचार विमर्श जरूरी है। दिल्ली में बैठकर एकतरफा फैसला लेने से पार्टी को फायदे की जगह नुकसान ही होगा। इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि अभी तक कांग्रेस का वोट बैंक कौन सी जातियां रही हैं। इस तथ्य की अनदेखी किए जाने से आने वाले दिनों में पार्टी का जनाधार और कमजोर हो जाएगा।
हाईकमान के फैसले का देंगे साथ
दूसरी ओर बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद शम्स शाहनवाज का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से जिस नेता को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, कार्यकर्ता उसकी अगुवाई में संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल की ओर से जिस नाम पर भी मुहर लगाई जाएगी, उसके साथ पार्टी के सभी नेता खड़े होंगे।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम के एलान के लिए दिल्ली में कवायद तेज हो गई है । जल्द ही नेतृत्व की ओर से इस बाबत घोषणा की जा सकती है।
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