Bihar Election Result 2020: जिधर महिला और युवा वोटर, उसका बेड़ा पार

इस बार के चुनाव में नौकरी के सवाल पर युवा मतदाताओं का जोश देखते ही बन रहा था। हाल ही में नए मतदाता बने युवाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लिया था।

Update: 2020-11-10 04:21 GMT
इस बार के चुनाव में जो अभी तक के रुझान आये हैं उसमें महागठबंधन को इसका फायदा मिलता दिख रहा है। महागठबंधन के उम्मीदवार बीजेपी के उम्मीदवारों से काफी आगे चल रहे हैं।

पटना: बिहार में हुए विधान सभा चुनाव के नतीजे आने शुरू होंगे। शुरूआती रुझानों में आरजेडी के उम्मीदवार बढ़त बनाये हुए हैं। जबकि जेडीयू और बीजेपी के नेता उनसे वोटों में काफी पीछे चल रही है।

इस बार के बिहार के चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुददा बनकर उभरा है। इसके आगे सारे मुद्दे धरे रह गये हैं। एनडीयू और महागठबंधन दोनों ने इस बार युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरियां देने का वादा किया है।

देखना ये है कि इस बार युवा सबसे ज्यादा महागठबंधन या फिर एनडीए किसकी तरफ आकर्षित हुआ है। ये आज परिणाम के सामने आने के बाद पता चल जाएगा।

पिछले चुनाव की तरह बिहार विस चुनाव में इस बार भी महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं की तुलना में ज्यादा वोट किया है। अगर हम 2015 के आंकड़ों पर गौर करें तो 70.5 फीसदी महिला मतदाताओं ने और 53.3 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने उस समय मतदान किया था।

जबकि इस बार 59.6 फीसदी महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। वहीं 54.7 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। इस चुनाव में भी महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

बिहार चुनाव 2020 (फोटो: सोशल मीडिया)

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इस बार भी जातियों का बोलबाला

बिहार के चुनावों में जातियों का बोलबाला पहले से ही रहा है। जो कि इस बार के चुनाव में भी हावी रहा है। बिहार के अंदर भले ही रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा के साथ-साथ जमीनी मुद्दों पर खूब बहस हुई, लेकिन जाति आधारित मतदान का बंधन नहीं टूट पाया।

इस बार जॉब को चुनावी मुद्दा बनाने वाले महागठबंधन से युवाओं से काफी उम्मीदें हैं, युवा मतदाताओं ने नौकरी को एक बड़ा मुद्दा माना है। मुस्लिम और यादव जाति की गोलबंदी महागठबंधन की तरफ जाते हुए दिखाई दी है। जबकि इसी तरह महिला, महादलित और कुर्मी जातियों की गोलबंदी जेडीयू के साथ जाते हुए नजर आ रही है। इस बार भी महिला मतदाताओं ने नीतीश कुमार को ही पहली पसंद माना है। उनके पार्टी के चुनाव चिन्ह पर मुहर लगाई है।

आरजेडी ने इस बार जोर शोर से उठाये ये मुद्दे

जेडीयू ने इस बिहार के विधान सभा चुनाव में 15 साल बनाम 15 साल का मुद्दा काफी मजबूती से उठाने का काम किया। जबकि महागठबंधन ने रोजगार, के साथ ही नए कृषि कानून, कोरोना, बाढ़ जैसे मुद्दों को ज्यादा तवज्जों दी। भाजपा ने सीमांचल में घुसपैठ के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा।

जबकि महागठबंधन बिहार के अंदर बाढ़, रोजगार, कोरोना और पलायन पर एनडीए पर पहले दिन से ही हमलावर रहा। इस बार के चुनाव में जो अभी तक के रुझान आये हैं उसमें महागठबंधन को इसका फायदा मिलता दिख रहा है। महागठबंधन के उम्मीदवार बीजेपी के उम्मीदवारों से काफी आगे चल रहे हैं।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव(फोटो:सोशल मीडिया)

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निर्णायक भूमिका में युवा मतदाता

इस बार के चुनाव में नौकरी के सवाल पर युवा मतदाताओं का जोश देखते ही बन रहा था। हाल ही में नए मतदाता बने युवाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लिया। ऐसे में ये माना जा रहा है कि युवा मतदाताओं के इसी जोश और उत्साह की वजह से एग्जिट पोल के रुझान में भी महागठबंधन को बढ़त मिलती ही दिखाई दे रही है।

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