Bihar: इस बार काफी बदला हुआ है तेजस्वी का अंदाज, राजद मंत्रियों की छवि को लेकर डिप्टी सीएम सजग

तेजस्वी यादव ने दूसरी बार राज्य के डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाली है मगर इस बार उनका अंदाज बिल्कुल बदला हुआ है। इस बार वे पार्टी नेताओं की छवि को लेकर काफी सजग नजर आ रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-08-21 15:20 GMT

Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav। (Social Media)

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Bihar: बिहार में हुए बड़े सियासी बदलाव के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) एक बार फिर डिप्टी सीएम के रूप में काफी सक्रिय भूमिका निभाते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव ने दूसरी बार राज्य के डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाली है मगर इस बार उनका अंदाज बिल्कुल बदला हुआ है। इस बार वे पार्टी नेताओं की छवि को लेकर काफी सजग नजर आ रहे हैं। 

राजद कोटे से मंत्री बने नेताओं को किसी भी विवाद से बचाने के लिए उन्होंने आचार संहिता भी तय कर दी है। तेजस्वी की ओर से उठाए गए इस कदम को बिहार के लोगों में अपनी पार्टी की छवि बदलने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने पार्टी नेताओं को तय की गई आचारसंहिता का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। बिहार के सियासी हलकों में इन दिनों तेजस्वी की ओर से उठाए गए इस कदम की खासी चर्चा हो रही है।

भाजपा की रणनीति से तेजस्वी सतर्क 

दरअसल बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा ने आक्रामक रणनीति अपना रखी है। भाजपा की ओर से जदयू और राजद नेताओं से जुड़े किसी भी विवाद को बहुत जोरशोर से उठाया जा रहा है। दिल्ली में हाल में हुई भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाने का फैसला किया गया था। पार्टी इस फैसले पर अमल करती हुई नजर आ रही है। 

नीतीश (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में नई सरकार बनने के बाद कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Law Minister Kartikeya Singh) के खिलाफ अपहरण के मामले में जारी वारंट को लेकर बड़ा विवाद पैदा हुआ था। उसके बाद तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप भी अपने जीजा को विभागीय बैठक में शामिल करने को लेकर विवादों में फंसते नजर आए थे। राजद कोटे से सहकारिता मंत्री बने सुरेंद्र यादव के भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर विवाद पैदा हो गया था। इन सभी विवादों को देखते हुए तेजस्वी यादव राजद नेताओं की छवि को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं।

राजद मंत्रियों के लिए आचार संहिता 

तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) की ओर से तय की गई आचार संहिता में कहा गया है कि राजद कोटे से बने मंत्री अपने लिए कोई नई गाड़ी न खरीदें। मंत्रियों से यह भी कहा गया है कि वे उम्र में बड़े कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों या किसी अन्य व्यक्ति को अपना पांव न छूने दें। सभी मंत्रियों को जनता के साथ सभ्य और शालीन व्यवहार करने का निर्देश भी दिया गया है। मंत्रियों को मिलने वाले उपहार को लेकर भी गाइड लाइन तय कर दी है। 

तेजस्वी (RJD leader Tejashwi Yadav) ने कहा है कि किसी से भेंट के रूप में गुलदस्ता या अन्य वस्तु को लेने से परहेज करें। मंत्रियों को किताब और कलम के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने को कहा गया है। तेजस्वी ने विभागीय कार्यों में ईमानदारी,पारदर्शिता और त्वरित क्रियान्वयन की कार्यशैली बढ़ाने का निर्देश भी दिया है।। इसके साथ ही मंत्रियों को राज्य सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी सोशल मीडिया पर लगातार शेयर करने को भी कहा गया है। राजद के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट के जरिए भी इस आचार संहिता की जानकारी दी गई है।।

तेजस्वी का बदला हुआ अंदाज 

नीतीश मंत्रिमंडल (Nitish cabinet) में इस बार राजद को तेज से 17 नेताओं को मंत्री बनाया गया है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार तेजस्वी का अंदाज पूरी तरह बदला हुआ है और वे राजद नेताओं को विवादों से पूरी तरह दूर रखना चाहते हैं। राजद मंत्रियों की शालीनता के जरिए वे मतदाताओं के बीच पार्टी की पैठ बढ़ाना चाहते हैं। राजद नेताओं की छवि को लेकर भाजपा की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी की ओर से उठाए गए कदमों को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। 

इसके साथ ही तेजस्वी इस बार जदयू के साथ बेहतर तालमेल भी बनाए रखना चाहते हैं। जानकारों का कहना है कि तेजस्वी को इस बात की पूरी जानकारी है कि नीतीश कुमार सरकार की छवि को लेकर काफी सजग रहते हैं। इसलिए वे राजद नेताओं को लेकर कोई विवाद नहीं पैदा होने देना चाहते। इस बार डिप्टी सीएम के रूप में वे ज्यादा परिपक्व नजर आ रहे हैं और माना जा रहा है कि इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा।

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