Bihar: बिहार विधानसभा के एक और सदस्य का कटा टिकट, अनिल सहनी की गई सदस्यता

Bihar: बिहार के विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार 3 सितंबर 2022 से अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-10-14 09:56 GMT

RJD MLA Anil Sahni  

Bihar: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) के एक और सदस्य की सदस्यता चली गई है। इनका नाम है अनिल सहनी। ये मुजफ्फरपुर के कुढ़नी से राजद विधायक थे। विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार 3 सितंबर 2022 से इनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

अनिल सहनी पर एलसीटी घोटाले में सजा होने के बाद की कार्रवाई

अनिल सहनी अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला (Leave and Travel Allowance Scam) में इन्हें तीन साल की सजा होने के बाद इनके ऊपर ये कार्रवाई की गई है। दिल्ली में सीबीआई कोर्ट ने पिछले महीने ही इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद इन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। इस तरह से देखे तो अनंत सिंह के बाद अनिल सहनी की सदस्यता जाने से आद राजद के सदस्यों की संख्या 78 हो गई।

2009 से 2018 के बीच राज्यसभा सदस्य रहे अनिल कुमार

दरअसल, अनिल कुमार साहनी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर साजिश कर कई फर्जी ई- टिकट और गलत बोर्डिंग पास बना कर राज्यसभा में जमा कराया। इसके बदले उन्होंने पैसे लिए। आरोप लगा कि उन्होंने लीव ट्रेवल कन्सेशन भुगतान हासिल करने के लिए फर्जी ई-टिकट और बोर्डिंग पास जमा कराया था। बिना यात्रा किए ही वह इन फर्जी कागजातों के आधार पर 23.71 लाख रुपए का भुगतान हासिल करने को प्रयासरत थे। बता दें कि 2009 से 2018 के बीच राज्यसभा सदस्य रहे। राज्यसभा सांसद रहते हुए साहनी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान के लिए क्लेम किया था, इसलिए जदयू के अंदर संभावना खत्म होने पर उन्होंने वापस राजद का दामन थाम लिया था।

21 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने किया था मामला दर्ज

इसके बाद इस मामले की जांच की गई। 21 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। अक्टूबर माह में अनिल सहनी को 3 साल जेल की सजा के साथ 3 लाख का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया गया था। इसके अलवार अनिल सहनी के दो सहयोगियों एन एस नायर और अरविंद तिवारी को भी इस साजिश में शामिल पाते हुए 50-50 हजार का जुर्माना भरने का आदेश हुआ था। नायर ने एयर इंडिया में रहते हुए साहनी के फर्जी कागजातों में उनके सहायक अरविंद की मदद की थी।

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