Bihar Political Crisis: नीतीश को बधाई देने में विपक्षी नेता रहे पीछे, 2024 की सियासी जंग में चेहरे को लेकर बढ़ेगी खींचतान

Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार को 2024 की सियासी जंग में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए बड़ा चेहरा माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-11 10:43 IST

CM Nitish kumar (photo: social media )

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Bihar Political Crisis: बिहार में हुए सियासी बदलाव का देश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। बिहार में नीतीश कुमार ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। बिहार में बनी महागठबंधन सरकार को राजद और कांग्रेस समेत कई अन्य छोटे दलों का समर्थन हासिल है। बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन को विपक्ष की बड़ी जीत माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार जैसे मजबूत नेता के साथ आने के बाद विपक्ष भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई को और धारदार बनाने में कामयाब हो सकता है।

वैसे यह भी अचरज में डालने वाली बात है कि आठवीं बार सीएम बनने के बाद नीतीश को बधाई देने में विपक्षी नेता काफी पीछे रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने नीतीश को बधाई देने में कंजूसी बरती। इसका बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को 2024 की सियासी जंग में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए बड़ा चेहरा माना जा रहा है।

सिर्फ पवार ने दी नीतीश व तेजस्वी को बधाई

बिहार में हुए सियासी बदलाव के बाद बुधवार को नई सरकार ने कमान संभाल ली है। नीतीश के सीएम पद की शपथ लेने के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की कमान संभाली है। पटना में शपथग्रहण समारोह के बाद दिनभर नीतीश और तेजस्वी को बधाई देने का सिलसिला चलता रहा मगर इस मामले में विपक्षी नेता कंजूसी बरतते नजर आए।

एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने जरूर ट्वीट करके नीतीश और तेजस्वी को इस बदलाव के लिए बधाई दी। यहां पर यह बात भी काबिलेगौर है कि स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और बढ़ती उम्र के कारण शरद पवार 2024 की जंग में विपक्ष का चेहरा बनने की दौड़ से बाहर दिख रहे हैं।

राहुल,ममता और केजरीवाल ने दिखाई कंजूसी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार को बधाई का कोई संदेश नहीं दिया गया। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी नीतीश कुमार को बधाई देने के लिए आगे नहीं आए। भाजपा के खिलाफ खुलकर मुखर रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने भी नीतीश को बधाई देने में कंजूसी दिखाई।

उल्लेखनीय है कि इन सभी नेताओं को 2024 की जंग में विपक्ष के चेहरे का मजबूत दावेदार माना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष के चेहरे को लेकर खींचतान बढ़ सकती है। महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार का नाम भी विपक्ष के चेहरे के रूप में काफी तेजी से उभरा है। मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद नीतीश ने विपक्ष की एकजुटता पर जोर देने के साथ ही आगे की रणनीति बनाने का संकेत भी दिया। ऐसे में आने वाले दिनों में विपक्ष की रणनीति पर भी सबकी निगाहें होंगी।

अखिलेश यादव भी नहीं मानते दावेदार

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बिहार में हुए बदलाव पर नीतीश कुमार को बधाई तो दी मगर पीएम पद की दावेदारी को नकार भी दिया। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने पीएम पद का दावेदार यूपी से होने की संभावना जताई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सियासी नजरिए से उत्तर प्रदेश सबसे अहम है और यहीं पर भाजपा के खिलाफ सबसे बड़ी जंग लड़ी जाएगी। हालांकि उन्होंने नीतीश कुमार को वरिष्ठ और अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उनके फैसले से विपक्ष की राजनीति को मजबूती मिलेगी।

चिराग ने कसा नीतीश पर तंज

नीतीश पर हमेशा खुलकर हमला करने वाले लोजपा मुखिया चिराग पासवान नीतीश को फिर मुख्यमंत्री बनने पर तंज करने से नहीं चूके। उन्होंने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनने पर बधाई और शुभकामनाएं तो दीं मगर नीतीश कुमार पर करारा तंज भी कसा। उन्होंने इस बाबत किए गए अपने ट्वीट में कहा कि तेजस्वी जी, आपको बधाई और शुभकामनाएं। बिहार को आपसे विकास की उम्मीद है।

नीतीश का नाम लिखे बिना उन्होंने यह टिप्पणी भी की कि आपके सहयोगी से विकास के मामले में अभी तक बिहार को निराशा के सिवा कुछ नहीं मिला है। बिहार की सियासत में चिराग का नीतीश से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इसलिए वे नीतीश पर हमला करने का मौका नहीं चूके।

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