Bihar Politics: जदयू में सत्ता के दो केंद्र नीतीश को बर्दाश्त नहीं, आरसीपी के बाद केंद्र में नहीं होगा कोई मंत्री

Bihar Politics: रामचंद्र प्रसाद सिंह की राज्यसभा दावेदारी पर प्रश्न चिह्न लगाकर सीएम ने संकेत दे दिया है कि उन्हें उनके दल में दो पॉवर सेंटर कतई मंजूर नहीं है।;

Update:2022-05-28 18:10 IST

नीतीश कुमार-आरसीपी सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की गतिविधियों पर इन दिनों मीडिया की पैनी नजर है। सियासी हलकों में उनके बारे में एक और करवट लेने की अटकलें जोरों पर है। इन सबके बीच सीएम नीतीश एकबार फिर अपनी पार्टी (JDU) में खासे एक्टिव नजर आ रहे हैं। केंद्र में जदयू कोटे से मंत्री और कभी उनके विश्वस्त सहयोगी रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह (Ramchandra Prasad Singh) की राज्यसभा दावेदारी पर प्रश्न चिह्न लगाकर उन्होंने संकेत दे दिया है कि उन्हें उनके दल में दो पॉवर सेंटर कतई मंजूर नहीं है। माना जा रहा है कि नीतीश अब आरसीपी के बाद किसी को केंद्र सरकार में नहीं भेजेंगे।

दरअसल, बिहार सीएम लंबे समय से पार्टी के कामकाज में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। यूपी चुनाव के दौरान उनका रवैया इसका उदाहरण है। उन्होंने पहले आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था, फिर उनके मंत्री बनने के बाद मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। लेकिन केंद्र में मंत्री बनने के बाद आरसीपी की हालिया गतिविधियों ने उन्हें सियासी रूप से असहज कर दिया। जदयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समानांतर दिखने की कोशिश करने लगे।

पार्टी से अलग चलने लगे थे आरसीपी

केंद्र में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह की हनक बढ़ गई थी। उनपर पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) को दरकिनार करने के आरोप लग रहे थे। आरसीपी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मिलकर अलग कार्यक्रम करने लगे थे। हाल ही में उन्होंने भामाशाह की जयंती पर एक अलग कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा कर दी थी, फिर पार्टी की तरफ से दवाब आया तो उसे कैंसिल कर दिया गया। इसी तरह सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन (Nitish Kumar Birthday) पर उन्होंने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया, ये फैसला भी उन्होंने पार्टी को बताए बगैर लिया था, नतीजतन पार्टी की तरफ से दवाब बढ़ने के बाद इसे टाल दिया गया।

बीजेपी से नजदीकी रास नहीं आई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से बीजेपी (BJP) के साथ सरकार चला रहे हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने बीजेपी को कभी हावी होने नहीं दिया। ऐसे में जब उनका सबसे भरोसेमंद व्यक्ति बीजेपी के साथ अपनी पींगे बढ़ाने लगा तो ये उन्हें रास नहीं आया। आरसीपी पर आरोप है कि दिल्ली जाने के बाद उन्होंने संगठन पर बिल्कुल ध्यान देना छोड़ दिया, केवल वो मंत्रालय के कामकाज में तल्लीन रहे। वो पीएम मोदी के गुडबुक में आने की कोशिश में हमेशा लगे रहे।

यहां तक कि उनके स्पीच में भी बीजेपी, केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर अधिक फोकस रहता था। बिहार में बीजेपी के साथ एक मुश्किल गठबंधन में सरकार चला रहे सीएम नीतीश के लिए आरसीपी की ये चीजें काफी असहज करने वाली थीं। लिहाजा उन्होंने आरसीपी के पर कतरने का निर्णय ले लिया।

आरसीपी के बाद केंद्र में नहीं होगा कोई मंत्री

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी में काफी कम सक्रिय दिख रहे थे। लेकिन हाल के दिनों में एकबार फिर वो जदयू की गतिविधियों में अधिक दिलचस्पी लेने लेगे हैं। जदयू की तरफ से हाल ही में एक आदेश निकाला गया, जिसमें सभी नेताओं से कहा गया कि सिर्फ नीतीश कुमार का ही फोटो लगाएंगे, किसी दूसरे नेता का फोटों नहीं लगाया जाए। जदयू के इस आदेश को नीतीश कुमार की वर्तमान सक्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, नीतीश नहीं चाहते कि पार्टी में उनके समानांतर कोई और शख्स खड़ा हो। इसलिए अब आरसीपी के बाद केंद्र में जदयू कोटे से कोई मंत्री नहीं होगा। ये इसलिए भी होगा क्योंकि दिल्ली में JDU का कोई दूसरा नेता पार्टी की समानांतर राजनीति ना कर पाए।

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