Bihar Politics: जानिए क्या है बिहार का नंबर गेम, अब निगाहें स्पीकर पर

Bihar Politics: बिहार में अब शुरू होने वाले नंबर गेम में सबकी निगाहें विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर टिकी रहेंगी। वे BJP के विधायक हैं जिनका पूर्व में नीतीश कुमार के साथ विवाद भी हो चुका है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-08-09 18:11 IST

Bihar Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ अब विधानसभा में नया समीकरण बनने जा रहा है, जिसमें जदयू और राजद मिल कर सरकार बनाएंगे। बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 125 सीटें जीतीं। जिसमें बीजेपी ने 74 सीटें हासिल की। नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने 43, विकासशील इंसान पार्टी ने 4 और हिंदुस्तान आवाम पार्टी (सेक्युलर) ने 4 सीटें जीतीं। इसने एनडीए को सरकार बनाने के लिए आवश्यक 122 सीट के बहुमत के अपेक्षित निशान से ठीक ऊपर रखा था।

वहीं, राजद और उसके सहयोगियों ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आई। जबकि, कांग्रेस ने केवल 19 सीटों पर जीत हासिल की। वाम दलों ने जिन 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से उन्होंने 16 में जीत हासिल की। इनमें से सीपीआई (एमएल-लिबरेशन) ने 12 सीटें जीतीं। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने राज्य के सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। तबसे उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए हैं।

बिहार : किस पार्टी के पास कितनी सीटें 

242 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में (वास्तविक संख्या 243 है लेकिन राजद के एक विधायक की मृत्यु के कारण एक सीट खाली है) पार्टियों की रैंक इस प्रकार है- भाजपा (BJP) 77, जदयू (JDU) 45, HAM (एस) 4, राजद 79, कांग्रेस 19, भाकपा (एमएल) 12, भाकपा 4, एआईएमआईएम (AIMIM) 1, निर्दलीय 1 और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 1। पिछले चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 19.5 फीसदी रहा, जबकि जद (यू) का 15.4 फीसदी, राजद को 23.1 फीसदी और कांग्रेस का 9.5 फीसदी रहा था।

स्पीकर पर निगाहें

बिहार में अब शुरू होने वाले नंबर गेम में सबकी निगाहें विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर टिकी रहेंगी। वे भाजपा के विधायक हैं जिनका पूर्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विवाद भी हो चुका है। विजय सिंह एक भूमिहार नेता और आरएसएस के समर्पित कार्यकर्ता भी। कहा जाता है कि उन्हें पार्टी के उच्च जाति के नेतृत्व को खुश रखने के लिए इस पद के लिए चुना गया था। वह 2010 से लखीसराय विधानसभा सीट से जीतते आये हैं और राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं।

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