Bihar Politics: अब नीतीश के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाएगी भाजपा, बिहार में 35 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य

Bihar Politics: भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई कोर कमेटी की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार की गई।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-17 08:56 IST

जेपी नड्डा और अमित शाह (photo: social media )

Bihar Politics: बिहार में जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद अब भाजपा ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया है। गत 9 अगस्त को नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन छोड़ने के फैसले के बाद भाजपा कोर कमेटी की पहली बैठक में बिहार में पार्टी की भावी रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई। पार्टी ने बिहार की खराब कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर रुख अपनाने का फैसला किया है।

भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई कोर कमेटी की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार की गई। पार्टी ने राज्य में 35 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी राज्य में अगणों, अति पिछड़ों और दलितों का नया जातीय समीकरण तैयार करने में जुटेगी। पार्टी ने महागठबंधन को धोखा देने वाला गठबंधन बताया है और इसके खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक बड़ी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था पर होगी लड़ाई

नीतीश कुमार के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा कोर कमेटी की मंगलवार को देर शाम हुई पहली बैठक में बिहार के सियासी हालात पर करीब साढ़े तीन घंटे तक गहन मंथन किया गया। नड्डा और शाह ने बिहार के नेताओं से राज्य की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश के साथ ही महागठबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को मंत्र भी दिए। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अब महागठबंधन के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।

बैठक में नीतीश की अगुवाई में बनी नई सरकार के कामकाज की कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया गया। भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था से जुड़े हुए मुद्दों को जनता और विधानसभा में जोर-शोर से उठाने का फैसला किया गया। इन दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी अब आक्रामक रणनीति अपनाएगी।

पार्टी का 35 सीटें जीतने का बड़ा टारगेट

बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने महागठबंधन को बिहार की जनता को धोखा देने वाला गठबंधन बताया। उन्होंने बताया कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी बिहार में यह लक्ष्य हासिल करके कीर्तिमान स्थापित करेगी।

पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव जेडीयू के साथ गठबंधन करके लड़ा था। मौजूदा समय में बिहार से पार्टी के 17 लोकसभा सांसद हैं जबकि 16 सीटों पर जदयू को जीत हासिल हुई थी। एनडीए गठबंधन में शामिल लोजपा ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद पार्टी ने पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

संगठन स्तर पर होगा बड़ा बदलाव

भाजपा सूत्रों का कहना है कि नीतीश सरकार के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाने के लिए भाजपा संगठन स्तर पर कई बदलाव करने का बड़ा कदम भी उठाएगी। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ ही विधानसभा और विधान परिषद में नेताओं को बदलने का बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

मौजूदा समय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल आगामी सितंबर महीने में समाप्त होने वाला है। पार्टी अब युवा और तेजतर्रार नेताओं को आगे लाकर नीतीश सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंकेगी। अनुभवी नेताओं को भी टीम के साथ जोड़कर पार्टी का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।

सामाजिक समीकरण साधने पर पार्टी का जोर

चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने सामाजिक समीकरण साधने का भी फैसला किया है। इसके तहत पार्टी ने अगड़ों, पिछड़ों, दलितों और महादलितों को जोड़कर नया समीकरण तैयार करने का फैसला किया है। पार्टी का मानना है कि सामाजिक समीकरण साधने पर ही नीतीश सरकार के खिलाफ इस लड़ाई में बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। पार्टी नेताओं ने कहा कि जदयू के साथ गठबंधन होने के कारण कई सीटों पर पार्टी चुनाव के नजरिए से तैयारी नहीं कर सकी है। अब पार्टी ने बिहार की सभी सीटों पर बूथ स्तर तक मेहनत करके मतदाताओं तक पहुंचने का फैसला किया है।

पार्टी ने अब प्रदेश के हर बूथ पर मजबूत कमेटी बनाकर मतदाताओं से संपर्क साधने और उनका समर्थन हासिल करने का प्लान बनाया है। बैठक में गृह मंत्री शाह ने कहा कि जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को बड़ा अवसर मिला है और पार्टी को इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू और राजद के गठबंधन में ज़बर्दस्त विरोधाभास है और आने वाले दिनों में यह विरोधाभास और बढ़ेगा।

बैठक में मौजूद थे बिहार के सभी बड़े नेता

इस महत्वपूर्ण बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और नड्डा के अलावा कई और महत्वपूर्ण नेता मौजूद थे। बैठक में भाजपा संगठन महासचिव बीएल संतोष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय, रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, राधामोहन सिंह, बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी तथा पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन, बिहार के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, नवल किशोर यादव, जनकराम, मंगल पांडे आदि ने हिस्सा लिया।

बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने के फैसले के बाद भाजपा की पहली महत्वपूर्ण बैठक थी। माना जा रहा है कि पार्टी और नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेगी और आने वाले दिनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार अभियान छेड़ा जाएगा।

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