Bihar: नीतीश की मुसीबत बढ़ाएंगे उपेंद्र कुशवाहा, एक महीने की यात्रा निकालने का ऐलान, लव-कुश समीकरण साधने की तैयारी

Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी विरासत बचाने और सियासी ताकत दिखाने के लिए एक महीने लंबी यात्रा निकालने का ऐलान किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-02-23 12:08 IST

Upendra Kushwaha and CM Nitish Kumar (Photo: Social Media)

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा आने वाले दिनों में नीतीश की टेंशन और बढ़ाने वाले हैं। कुशवाहा ने हाल में जदयू से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने अपनी विरासत बचाने और सियासी ताकत दिखाने के लिए एक महीने लंबी यात्रा निकालने का ऐलान किया है।

कुशवाहा के मुताबिक इस यात्रा की शुरुआत 28 फरवरी को होगी। मजे की बात यह है कि कुशवाहा अपनी यात्रा की शुरुआत उसी स्थान से करेंगे जहां से नीतीश कुमार ने पिछले दिनों अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित गांधी आश्रम से शुरू होने वाली इस यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस यात्रा का समापन पटना में 28 मार्च को होगा और इस यात्रा के जरिए कुशवाहा और कुर्मी समुदाय को साधने की कोशिश की जाएगी।

नीतीश के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा

पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने लंबे समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जदयू में रहने के दौरान भी वे नीतीश के खिलाफ लगातार हमला करने में जुटे हुए थे। पिछले दिनों जदयू से इस्तीफा देने के बाद अब वे नीतीश के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। जदयू से इस्तीफा देते समय भी उन्होंने नीतीश के खिलाफ तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की तलाश पड़ोसी के घर में पूरी की है। उनका इशारा तेजस्वी यादव की ओर था और उनका कहना था कि नीतीश ने राजद से डील कर रखी है जिसका उन्हें खुलासा करना चाहिए।

28 फरवरी को होगी यात्रा की शुरुआत

अब कुशवाहा ने 28 फरवरी से यात्रा शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि वे अपनी इस यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण स्थित उसी गांधी आश्रम से करेंगे जहां से नीतीश कुमार ने अपनी समाधान यात्रा की शुरुआत की थी। जनसुराज यात्रा निकालने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी अपनी यात्रा की शुरुआत यहीं से की थी। कुशवाहा ने कहा कि हम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की विरासत को बचाने के लिए यह यात्रा निकालने जा रहे हैं। हमारी पार्टी कर्पूरी ठाकुर के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करेगी।

लव-कुश समीकरण पर कुशवाहा की निगाहें

कुशवाहा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने सभी को समान हक दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया मगर आज उनकी विरासत के साथ समझौता किया जा रहा है। कुशवाहा की इस यात्रा का समापन सम्राट अशोक की जयंती के मौके पर 28 मार्च को पटना में होगा। कुर्मी समुदाय सम्राट अशोक से अपने ताल्लुकात जोड़ता रहा है।

ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि इस यात्रा के जरिए कुशवाहा राज्य के लव-कुश समीकरण यानी कुशवाहा और कुर्मी समाज को साधने की कोशिश करेंगे। दरअसल कुशवाहा नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुट गए हैं और यदि वे अपनी इस मुहिम में कामयाब रहे तो नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है।

दो चरणों में पूरी होगी यात्रा

कुशवाहा की इस एक महीने तक चलने वाली यात्रा के दौरान राज्य के ज्यादा से ज्यादा जिलों को कवर करने की कोशिश की गई है। यह यात्रा दो चरणों में पूरी की जाएगी और यात्रा का पूरा रूट तैयार किया जा चुका है। अपनी यात्रा का ऐलान करते हुए कुशवाहा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि जदयू में कुछ भी नहीं बचा है और पार्टी के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने समाजवादियों की विरासत को बचाने के लिए ही यात्रा निकालने का फैसला किया है। उन्होंने राज्य के लोगों से इस यात्रा को समर्थन देने की अपील भी की है।

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