Bihar News: भाजपा ने साधा महागठबंधन सरकार पर निशाना, जानिए क्या बोले सुशील मोदी

Bihar News: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-11-30 13:14 GMT

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी

Bihar News: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Modi) ने एक बार फिर से महागठबंधन सरकार (Grand Alliance government) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए एक डेडीकेटेड इंडिपेंडेंट कमीशन बनाया जाना था। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन अधिसूचित कर दिया। इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य जेडीयू आरजेडी के वरिष्ठ नेता थे।

किसी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में कमीशन गठित किया जाए: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा यह मांग कर रही थी कि किसी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में कमीशन गठित किया जाए, ताकि वह निष्पक्ष पारदर्शी, बिना भेदभाव के काम कर सकें। जेडीयू आरजेडी समर्थित आयोग द्वारा जल्दबाजी में रिपोर्ट दाखिल करने के चक्कर में संपूर्ण निकाय क्षेत्र का सर्वे करने के बजाय नगर निगम चुनाव का निर्णय लिया।

सुशील मोदी ने कहा कि पटना नगर निगम के 75 वार्ड हैं परंतु 7 वार्ड और वह भी मात्र 21 प्रगणत द्वारा कराया जा रहा है। कमीशन को सभी ओबीसी का सर्वे कर उसमें राजनीतिक पिछड़ेपन के अधूरा सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए बनाया गया आयोग ना तो पारदर्शी था और ना ही निष्पक्ष था, इन्हीं सब कारणों से न्यायाधीश सूर्यकांत और जेजे महेश्वरी की खंडपीठ ने ईबीसी कमीशन को डेडीकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित करने पर 28 नवंबर को रोक लगा दी।

बिहार में निकायों का चुनाव एक डेढ़ वर्ष से लंबित: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि संविधान की धारा 243 (U) में निकाय की पहली बैठक से 5 वर्ष की अवधि तक ही निकाय का कार्यकाल होगा। निकाय का चुनाव अवधि पूरी होने के होने के पूर्व या भंग होने के 6 महीने के भीतर कराए जाने का संवैधानिक प्रावधान है लेकिन, बिहार में बड़ी संख्या में निकायों का चुनाव एक डेढ़ वर्ष से लंबित है। नीतीश कुमार की जिद्द के कारण बिहार का निकाय चुना कानूनी दांवपेच में फंस गया है। तेजस्वी यादव नगर विकास मंत्री हैं परंतु उन्हें अति पिछड़ों और विभाग से दूर-दूर तक कोई मतलब नहीं।

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