Bihar: कल बिहार सरकार के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन, सभी जिलों में पुतला दहन कार्यक्रम

Bihar: भाजपा ने गुरुवार को अपने सभी जिला मुख्यालयों पर बिहार सरकार का पुतला दहन करने का भी ऐलान किया है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-10-05 08:38 GMT

BJP। (Social Media)

Bihar: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election) पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) द्वारा रोक लगाने के बाद सियासी गलियारे में फिर से बयान बाजी शुरू हो चुकी है। भाजपा ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए जदयू (JDU) पर हमला बोला है। भाजपा (BJP) ने गुरुवार को अपने सभी जिला मुख्यालयों पर बिहार सरकार का पुतला दहन करने का भी ऐलान किया है।

4600 नगर निकाय उम्मीदवारों का भविष्य खराब: भाजपा

भाजपा का कहना है बिहार सरकार (Bihar Government) ने 4600 नगर निकाय उम्मीदवारों का भविष्य खराब करने की और सभी नगर निकायों को अफसरों के हवाले करने की साजिश की है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ताक पर रखा और मनमाना करते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करवा कर चुनाव का डेट फिक्स कर दिया। इस लिए 6 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों पर बिहार सरकार का पुतला दहन भारतीय जनता पार्टी करेगी।

मामले में राज्यसभा सुशील मोदी ने लगाया आरोप

मामले में राज्यसभा सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि अति पिछड़ों को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से वंचित करने के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। राज्य निर्वाचन आयोग और एडवोकेट जनरल बार-बार बता रहे थे कि ट्रिपल टेस्ट के बिना चुनाव कराना ठीक नहीं है, लेकिन वे नहीं माने। उनकी जिद की वजह से चुनाव नहीं हो पाएगा। अब एक से डेढ़ साल का इंतजार करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद पर चल रहा राज्य: प्रतिपक्ष नेता

वहीं, बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा जो आरक्षण पर रोक लगा है। उससे यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद पर यह राज्य चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने तो आज से 6 महीना पहले आदेश दिया था कि आप कमेटी बनाइए। जब मैं पंचायती विभाग का मंत्री था तो हम लोगों ने निर्णय लिया था, इसको एडवोकेट जनरल के पास भेजा भी गया था। लेकिन, नीतीश कुमार इकलौता व्यक्ति हैं जिन्होंने जिद मचाकर बिहार के आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कमेटी का गठन नहीं किया।सम्राट चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अति पिछड़े विरोधी हैं। वे अति पिछड़ों का सम्मान नहीं करते हैं।

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