बिहार NDA में कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग, बोचहां सीट पर हार के बाद सियासी हलचल तेज

Bihar Politics: उपचुनाव में मिली हार के बाद बिहार एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग उठने लगी है।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2022-04-18 12:05 IST

उपेंद्र कुशवाहा (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan By-Election) में भाजपा प्रत्याशी (BJP Candidate) की हार के बाद अब बिहार एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी (NDA Coordination Committee) बनाने की मांग उठने लगी है। उपचुनाव के नतीजे को बड़ा सियासी संदेश माना जा रहा है और इस हार के पीछे एनडीए (NDA) में शामिल दलों के बीच समन्वय की कमी को बड़ा कारण माना जा रहा है। बोचहां विधानसभा सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में राजद प्रत्याशी अमर पासवान (Amar Paswan) ने भाजपा की बेबी कुमारी (Baby Kumari) को करीब 36,000 मतों से हरा दिया था।

इस हार के बाद जदयू संसदीय बोर्ड (JDU Parliamentary Board) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कमेटी के गठन से बिहार एनडीए में पैदा होने वाले बेवजह के विवादों से बचा जा सकता है। बिहार एनडीए में पहले कोऑर्डिनेशन कमेटी हुआ करती थी मगर बाद में इसे खत्म कर दिया गया था।

वीआईपी उम्मीदवार ने पहुंचाया नुकसान

बोचहां पर हुए उपचुनाव में वीआईपी की उम्मीदवार ने भाजपा प्रत्याशी को काफी नुकसान पहुंचाया। वीआईपी की उम्मीदवार गीता कुमारी को 29,779 मत हासिल हुए थे जबकि भाजपा प्रत्याशी बेबी कुमारी को 45,909 मत मिले थे। राजद उम्मीदवार अमर पासवान ने 82,562 मत हासिल करके इस सीट पर जीत हासिल की थी।

हालांकि भाजपा और वीआईपी उम्मीदवारों के मतों को मिलाकर भी राजद उम्मीदवार के मतों की संख्या ज्यादा थी मगर माना जा रहा है कि यदि एनडीए ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो तस्वीर दूसरी हो सकती थी। इस उपचुनाव के नतीजे के जहां राजद में खुशी का माहौल दिख रहा है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा और सहयोगी दलों में बेचैनी दिख रही है। इसी के बाद एनडीए में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग उठी है।

उपेंद्र कुशवाहा (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बेहतर समन्वय की जरूरत

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जदयू, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है। हालांकि उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया कि बोचहां के चुनावी नतीजे से एनडीए को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि इस नतीजे के बाद घबराने जैसी कोई बात तो नहीं है मगर इस उपचुनाव के दौरान एनडीए में शामिल दलों के बीच समन्वय का पूरी तरह अभाव दिखा। यदि एनडीए में शामिल दलों के बीच बेहतर समन्वय होता तो निश्चित रूप से चुनावी नतीजा और बेहतर रहता।

विवादों से बचने में मिलेगी मदद

उन्होंने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने पर रणनीति को लेकर बेहतर फैसले लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं के बेवजह के बयानों पर विवाद पैदा हुआ है। कमेटी के गठन से इस तरह के विवादों से बचा जा सकता है। उल्टे-सीधे बयानों से एनडीए में शामिल दलों के बीच भ्रम का माहौल पैदा होता है जो कि एनडीए के लिए अच्छा नहीं है। कमेटी बन जाने पर ऐसे माहौल से बचा जा सकता है और आने वाले चुनावों में बेहतर नतीजे हासिल किए जा सकते हैं।

पहले थी कोऑर्डिनेशन कमेटी

बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा का साथ काफी पुराना है और पहले बिहार एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी के जरिए सरकार चलाने में काफी मदद मिला करती थी। 2013 से पहले राज्य में कोऑर्डिनेशन कमेटी काम करती थी और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव इसके संयोजक के रूप में तैनात किए गए थे। बाद में नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने पर यह कमेटी भी खत्म हो गई थी।

2017 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए का दामन थाम लिया और उसके बाद बिहार में एनडीए की सरकार ही काम कर रही है मगर अभी तक कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं किया गया है। हाल के दिनों में भाजपा और जेडीयू के कई नेताओं के बयानों से असहज स्थिति भी पैदा हो चुकी है। इसी कारण अब एक बार फिर कोऑर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है। 

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