Caste Census In Bihar: जातीय जनगणना का समर्थन करेगी बीजेपी, जेडीयू से किया वादा

Caste Census In Bihar: भाजपा ने जातीय जनगणना पर अपने तेवर बदल दिए हैं।;

Update:2022-05-25 15:33 IST

बिहार सीएम नीतीश कुमार (Social media)

Caste Census In Bihar: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बीते कई दिनों से बिहार (Bihar) की सियासत में मची हलचल के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। सत्तारूढ़ एनडीए (NDA)की सबसे बड़ी घटल दल भाजपा (BJP) ने जातीय जनगणना पर अपने तेवर बदल दिए हैं। पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मसले पर समर्थन देने का भरोसा दिया है। बीजेपी के इस रूख के बाद माना जा रहा है कि अब जल्द ही कैबिनेट से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित करवाया जाएगा।

1 जून को होगा सर्वदलीय बैठक 

बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर लगा सियासी कोहरा उस समय छंटता नजर आया, जब सूबे के शिक्षा मंत्री और सीएम नीतीश के करीबी माने जाने वाले विजय चौधरी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मसले पर सभी दल बैठक के लिए राजी हो गए हैं। इसमें उनका सहयोगी दल बीजेपी भी शामिल है। इसके लिए 1 जून की तारीख तय की गई है। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता जातिगत जनगणना कैसे कराई जाए, इस पर अपनी राय रखेंगे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। 

बीजेपी हुई नरम 

जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज बताए जा रहे थे। बार – बार आग्रह किए जाने के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता देख, नीतीश ने बीजेपी पर दवाब बनाने के लिए राजद के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी। बीते कुछ दिनों से राज्य में आकार लेते नए सियासी समीकरण को भांपते हुए बीजेपी ने अंततः जातिगत जनगणना पर अपनी हामी भर दी। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी हमेशा से जातीय जनगणना के पक्ष में रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राज्य चाहे तो अपने खर्च पर राज्ये में जातिगत जनगणना करवा सकता है। इसके लिए राज्य स्वतंत्र है। बीजेपी ने कभी जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया है। 

अलग – थलग पड़ गई थी बीजेपी

बता दें कि जातीय जनगणना के मसले पर बीजेपी राज्य में अलग – थलग पड़ गई थी। उसे छोड़ बिहार के सभी राजनीतिक दल सत्ता पक्ष और विपक्ष के जातीय जनगणना पर एकमत थे। ऐसे में पार्टी पर दवाब काफी था। बीजेपी के कई मंत्री लगातार जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार को असहज करने वाली टिप्पणी करते रहे, लेकिन वो इस मसले को ठंडे बस्ते में डालने में नाकामयाब रहे। उधर, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजदीकिंयों ने भगवा दल को और परेशान कर दिया था। ऐसे में बीजेपी ने इस पर हामी भरकर नीतीश कुमार की नाराजगी कम करने की कोशिश की है। 

कैबिनेट से पारित होगा प्रस्ताव

बिहार में जातीय जनगणना कराने के लिए राज्य कैबिनेट से प्रस्ताव पारित करवाना जरूरी है। इसके लिए काफी संसाधन भी चाहिए। 2020 विधानसभा चुनाव के बाद बिहार सरकार के कैबिनेट में बीजेपी की धमक बढ़ी है। पहली बार ऐसा हुआ है जब जदयू से अधिक बीजेपी के मंत्री हैं। ऐसे में किसी भी प्रस्ताव को कैबिनेट से पास करवाने के लिए बीजेपी की सहमति अत्यंत जरूरी है। इसके अलावा वित्त विभाग भी बीजेपी के ही पास है। इन्हीं सब कारणों से बिहार में अब तक जातीय जनगणना अटका हुआ था। अब बीजेपी की सहमति के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित होगा। 

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