LJP पर किसका कब्जा? पारस ने खुद को बताया असली वारिस, हाईकोर्ट में आज सुनवाई

Chirag Paswan Vs Pashupati Paras: चाचा और भतीजे के बीच शुरू हुई सियासी जंग का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। आज HC में चिराग की याचिका पर सुनवाई होगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update: 2021-07-09 05:17 GMT

चिराग पासवान-पशुपति पारस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Chirag Paswan Vs Pashupati Paras: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जे को लेकर चाचा और भतीजे की जंग अब और तीखी हो गई है। चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को मोदी सरकार (Modi Government) में मंत्री बनाए जाने के बाद भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने तीखी आपत्ति जताई है। दूसरी ओर चाचा पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री का कार्यभार संभालते हुए खुद को लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी बताया। उन्होंने कहा चिराग पासवान तो सिर्फ बेटे हैं मगर रामविलास पासवान का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं ही हूं।

दूसरी ओर चाचा और भतीजे के बीच शुरू हुई सियासी जंग का मामला दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) पहुंच गया है। चिराग ने लोकसभा के स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें पशुपति पारस की अगुवाई वाले गुट को लोकसभा में लोजपा के गुट के रूप में मान्यता दी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच इस मामले में आज सुनवाई करेगी।

शपथ ग्रहण करते हुए पशुपति पारस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पीएम के भरोसे पर खरा उतरूंगा

लोजपा से अलग हुए गुट के नेता और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण व उद्योग मंत्री पशुपति पारस ने गुरुवार को अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद कहा कि मैं हमेशा अपने बड़े भाई रामविलास पासवान की अपेक्षाओं पर खरा उतरा और अब उसी तरह पीएम मोदी के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि स्पीकर के जिस फैसले के खिलाफ चिराग ने हाईकोर्ट की शरण ली है, वह कानूनन सही नहीं है।

पारस ने कहा कि अगर पार्टी का अध्यक्ष तानाशाह हो जाए और पार्टी का बहुमत उसके खिलाफ हो तो दलबदल कानून के अनुसार पार्टी से अलग होने का कानूनी प्रावधान है। चिराग को छोड़कर पार्टी के सारे सांसद मेरे साथ हैं और जहां तक मंत्री बनने की बात है तो यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने ही मुझे मंत्री के रूप में चुना है। उन्होंने 10 दिनों तक अपने विभाग से जुड़े सभी कार्यों का अध्ययन करने की बात भी कही।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

चाचा पर पीठ में खंजर भोंकने का आरोप

दूसरी ओर हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करने वाले चिराग पासवान समस्तीपुर पहुंच चुके हैं और उन्होंने अपने चाचा पर पीठ में खंजर भोंकने का आरोप लगाया है। चिराग ने कहा कि मंत्री पद पाने के लिए चाचा पारस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गोद में जाकर बैठ गए हैं। उन्होंने पार्टी और परिवार को तोड़ने की साजिश रची है। चिराग ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि जदयू के कई नेता और विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही जदयू में बड़ी टूट होगी।

उन्होंने बिहार में मध्यावधि चुनाव होने का भी दावा किया। चिराग ने कहा कि जदयू में टूट के साथ बिहार में मध्यावधि चुनाव की जमीन तैयार होगी। नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए चिराग ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में उन्होंने अपने नेताओं को दरकिनार कर दिया और मेरे परिवार को तोड़ने के लिए सिर्फ चाचा पारस को मंत्री बनाने पर जोर दिया। इससे साफ है कि वे बदला लेने की भावना में जल रहे हैं।

हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

दूसरी ओर चिराग पासवान की अर्जी पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। चिराग ने अपनी याचिका में कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण पशुपति पारस को पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका था। उनका यह भी कहना है कि पारस लोजपा के सदस्य नहीं हैं। चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्यों में से 66 के समर्थन का दावा किया है। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच में आज इस मामले की सुनवाई होगी।

चिराग पासवान (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्पीकर के आदेश को चिराग ने दी चुनौती

लोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एके वाजपेई ने कहा कि हमने लोकसभा स्पीकर के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। स्पीकर का पारस को लोजपा संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता देने का कदम उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता नियुक्त करना पार्टी के संविधान के खिलाफ है और हमने अपनी याचिका के साथ इस बाबत दस्तावेज पेश किए हैं। चिराग स्पीकर को इस बाबत पहले ही सूचित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने तो चिराग के साथ न्याय नहीं किया मगर अब हमें दिल्ली हाईकोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।

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