Corona: पटना के अस्पतालों में Oxygen की किल्लत, 7 गुना बढ़ी डिमांड
पटना के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। जल्द ही हालात संभालें नहीं गए तो स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।
पटना: कोरोना वायरस ने देश में हाहाकार मचा दिया है। हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। दैनिक आंकड़ों के साथ-साथ मौतों की संख्या और भी डराने लगी है। अस्पतालों में कोरोना मरीज के लिए बेड दवाईयां मिलना मुश्किल हो रहा है। श्मशान घाटों में लाशों के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची। कोरोना संकट के बीच देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन की कमी की खबरे सामने आ रही हैं।
तमाम राज्यों के साथ बिहार में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। हालत ये हो गए हैं कि बिहार की राजधानी पटना में भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही हालात संभालें नहीं गए तो स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। मरीज कोविड से कम ऑक्सीजन की कमी से जरूर जान गंवा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना में ऑक्सीजन की डिमांड सात गुना बढ़ गई हैं, जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है उससे हालात बेकाबू हो हो सकते हैं।
हालात बिगड़ते देख पटना के जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले सभी प्लांट्स को हिदायत दी है कि इंडस्ट्रियल सप्लाई को बंद कर केवल अस्पताल को ही ऑक्सीजन की सप्लाई दें, लेकिन राजधानी में ऑक्सीजन के तीन ही प्लांट हैं। ऐसे में ऑक्सीजन डिमांड अगर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो शायद ये प्लांट भी पूरा नहीं कर पायेंगे।
ऑक्सीजन की सप्लाई में किल्लत
जानकारी के मुताबिक पटना के जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल में बुधवार से ही ऑक्सीजन की सप्लाई में किल्लत हो गई है। गुरुवार को भी चंद घंटे के लिए ही ऑक्सीजन के भरे सिलेंडर स्टाक में बचे हुए थे। इस हॉस्पिटल में कोविड के 30 मरीज भर्ती हैं और सबके सब ऑक्सीजन पर हैं। ऑक्सीजन सप्लाई के लिए एक साथ 6 सिलेंडर लगाए जाते हैं जो लगभग दो घंटे में खत्म हो जाते हैं।
हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार खुद ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और ऑक्सीजन खत्म हो जाये उससे पहले उसकी सप्लाई आ जाए इस प्रयास में लगे हुए हैं। डॉ. आलोक का कहना है कि मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई मिलती रहे इसके लिए वो लगातार प्रयास कर रहे हैं, स्थिति काफी गंभीर है।
सात गुना मांग बढ़ी मांग
कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से पटना मे ऑक्सीजन की मांग में सात गुना बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से एम्स और पारस अस्पतालों को छोड़ दें तो बाक़ी सभी सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों ने दम तोड़ दिया है।