कोरोना: एम्स जाते ही पॉजिटिव से नेगेटिव हो गई इस नेता की रिपोर्ट, मचा बवाल

कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल बदलते ही जांच रिपोर्ट बदल जा रही है। एक अस्पताल दूसरे की जांच रिपोर्ट को गलत बताकर उसे ख़ारिज कर रहे हैं।

Update: 2020-07-20 05:17 GMT

पटना: कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल बदलते ही जांच रिपोर्ट बदल जा रही है। एक अस्पताल दूसरे की जांच रिपोर्ट को गलत बताकर उसे ख़ारिज कर रहे हैं। मरीज किसकी रिपोर्ट को सही माने और किसकी गलत। ये सोचकर वे रात-दिन परेशान हो रहे हैं।

ताजा मामला छपरा सदर अस्पताल का है। यहां किए गए कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच रिपोर्ट को पटना एम्स ने जांच कर छपरा सदर अस्पताल की जांच रिपोर्ट को गलत साबित कर दिया है।

इसका खुलासा पटना एम्स से वापस लौटे राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष सह सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी डॉक्टर लालबाबू यादव ने रविवार को किया।

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एम्स में दोबारा सैंपल कलेक्शन

डॉक्टर लालबाबू यादव ने बताया कि छपरा सदर अस्पताल में उनका कोरोना जांच के लिए सैम्पल लुया गया था, जिसमें उन्हें पॉजिटिव बताया गया और इलाज के लिए एम्स पटना रेफर कर दिया गया।

जब वह एम्स में पहुंचे तो, वहां चिकित्सकों ने छपरा सदर अस्पताल की जांच रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया और दोबारा सैंपल कलेक्शन कर जांच किया।

एम्स में जांच मैं उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। चिकित्सकों का कहना था कि छपरा सदर अस्पताल की जांच रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं है। इस घटना ने छपरा सदर अस्पताल में किए जा रहे जांच पर सवाल खड़ा कर दिया है।

 

कोरोना का वार: एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, की थी ये गलती

झारखंड के धनबाद में एक परिवार 5 लोगों की कोरोना से मौत हो गई।इस परिवार को कोरोना वायरस और उससे जुड़ी गाइडलाइन को नजरंदाज करना बेहद भारी पड़ा है।

कोरोना वायरस की वजह से अब तक एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक सदस्य अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहा है। कतरास के चौधरी परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला 27 जून को एक शादी समारोह में शामिल होने दिल्ली गई थीं।

वहां से लौटने के बाद जब 90 साल की वृद्ध महिला की तबियत बिगड़ी तो अस्पताल में पता चला महिला कोरोना संक्रमित हैं। इलाज के बाद भी महिला को नहीं बचाया जा सका और 4 जुलाई को उनकी मौत हो गई।

इसके बाद जब पूरे परिवार और महिला के बेटों की जांच की गई तो दो बेटे संक्रमित पाए गए और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। इसके बाद संक्रमण की वजह से महिला के दो और बेटे बीमार पड़ गए।

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