Agneepath Scheme: बिहार में जदयू-भाजपा आमने-सामने, सत्तारूढ़ NDA गठबंधन में घमासान तेज
Agneepath Scheme: केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की अग्निपथ इस स्कीम का सबसे तीखा विरोध बिहार में ही किया जा रहा है।
Agneepath Scheme: केंद्र सरकार की ओर से घोषित अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के दो मुख्य घटकों जदयू और भाजपा में जबर्दस्त घमासान छिड़ गया है। बिहार के विभिन्न हिस्सों में युवाओं के तीखे विरोध, तोड़फोड़, आगजनी और पथराव के बाद भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) के नेताओं ने एक-दूसरे पर भी हमले शुरू कर दिए हैं। बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं को ही निशाना बनाए जाने पर भी जदयू को घेरा है।
दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी खुलकर मैदान में आ गए हैं और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात तक कह डाली है। उन्होंने नीतीश को काबिल मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि नीतीश की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए। इस बीच बिहार भाजपा के 12 नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने पर भी विवाद पैदा हो गया है। जदयू ने केंद्र सरकार के इस कदम पर तंज कसा है।
युवाओं ने भाजपा पर भी उतारा गुस्सा
केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की अग्निपथ इस स्कीम का सबसे तीखा विरोध बिहार में ही किया जा रहा है। पिछले चार दिनों के दौरान बिहार के विभिन्न हिस्सों में व्यापक स्तर पर हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। कई स्टेशनों पर ट्रेनों को फूंकने के साथ ही सरकारी बसों और संपत्तियों को भी निशाना बनाया गया है।
उग्र युवाओं ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और डिप्टी सीएम रेणु देवी के घर पर हमला करने के साथ कई भाजपा कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की है। हालांकि अभी तक जदयू नेताओं और कार्यालयों पर हमले या तोड़फोड़ की कोई घटना नहीं हुई है।
बिहार पुलिस की निष्क्रियता पर भाजपा नाराज
इन घटनाओं को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के दो मुख्य दलों भाजपा और जदयू में जबर्दस्त घमासान छिड़ गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने खुला आरोप लगाया है कि नीतीश सरकार की ओर से हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। भाजपा नेताओं को टारगेट करके हमले किए गए हैं मगर इस दौरान बिहार पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय बनी रही। प्रदर्शनकारी खुलेआम भाजपा कार्यालय को निशाना बना रहे थे और पुलिस पूरी तरह मूकदर्शक बनी हुई थी।
भाजपा नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का हक है मगर जिस तरह किसी खास पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है, वह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि बिहार जैसी घटनाएं देश के किसी भी हिस्से में नहीं हुईं। सच तो यह है कि प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और प्रदर्शनकारी कानून को हाथ में लेकर मनमानी करते रहे।
भाजपा के आरोपों पर जदयू की तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले ललन सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जायसवाल का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और उन्हें सरकार और प्रशासन चलाने की नसीहत नहीं दी जा सकती। उनकी प्रशासनिक क्षमता का लोहा सभी लोग मानते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ की स्कीम लाए जाने के बाद युवा अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं और ऐसे में केंद्र सरकार को युवाओं को समझाने का प्रयास करना चाहिए। केंद्र सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार की मांग कर चुके ललन सिंह ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष को बताना चाहिए कि भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हम हिंसा का समर्थन नहीं करते मगर भाजपा को भी युवाओं की चिंताएं दूर करनी चाहिए।
भाजपा नेताओं को सुरक्षा पर भी विवाद
भाजपा और जदयू के बीच बढ़ती तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और दोनों डिप्टी सीएम समेत 10 नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा देने का बड़ा फैसला किया है। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक अब इन नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के जवानों के हाथों में होगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से बिहार पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए जाने के बाद यह बड़ा फैसला किया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले पर जदयू ने तंज कसा है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा नेता ही यह बता सकते हैं कि उन्हें इस सुरक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने पहले ही मानक के अनुसार सभी नेताओं को सुरक्षा दे रखी है। कुमार ने कहा कि युवाओं के भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सार्थक पहल की जानी चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार को युवाओं के मन में जो भी आशंकाएं पैदा हुए हैं,उनका समाधान करना चाहिए।