Bihar News: कुढ़नी विधानसभा सीट, जदयू ने भाजपा को दिया नया नाम, औवेसी की पार्टी बिगाड़ सकती है महागठबंधन का खेल

Bihar News: मुजफ्फरपुर में जदयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा ने नामांकन दाखिल कर दिया है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-11-15 04:53 GMT

बिहार उपचुनाव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bihar By Elections 2022: कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani By Elections 2022) की घोषणा के बाद से पक्ष-विपक्ष के नेता एक-दूसरे लगातार हमला बोल रहे हैं। मुजफ्फरपुर में जदयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा (Manoj Kushwaha) के नामांकन दाखिल करने के बाद जदयू (JDU) के वरिष्ठ नेता यहां पहुंचने लगे हैं।

एक सभा को संबोधित करते महागठबंधन के सहयोगी दल जदयू के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जीत का दावा किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ दिन पहले हमसे एक साथी ने कहा भाजपा के और भी कई नाम हैं। हमने उनसे पूछा कि क्या नाम है बताइए। अगर कुछ लोग जुटकर मटन खाएं तो मटन पार्टी, चिकेन खाएं तो चिकेन पार्टी, चाय पिएं तो चाय पार्टी और कुछ लोग जुटकर भारत की जनता को खाएं तो भारतीय जनता पार्टी।

भाजपा मुक्त देश बनाने की कही बात

उपेंद्र कुशवाहा ने कुढ़नी उपचुनाव में मंहगाई, शिक्षा और बेरोजगारी का मुद्दा भी खूब उठाया। ललन सिंह ने 2024 में भाजपा मुक्त देश बनाने की बात तक कह डाली।

मालूम हो कि इससे पहले तेजस्वी यादव और ललन भी बीजेपी का नामकरण कर चुके हैं। दोनों ने कई बार बीजेपी को बड़का झूठ्ठा पार्टी कहकर संबोधित कर चुके हैं। ललन सिंह ने तंज कसते हुए कहा था कि विपक्षी एकता की मुहिम टांय-टांय फिस्स होगी या 2024 में भाजपा मुक्त भारत का आगाज़ होगा ये समय बताएगा। 36752 वोट से 1794 पर आ गए फिर भी जनाधार दिखता है...वाह भाई वाह..! बड़का झुट्ठा पार्टी की फितरत ही है 'एक झूठ को सौ बार बोलना', आप इसी फितरत के शिकार हैं।

महागठबंधन पर AIMIM की एंट्री का असर

वहीं कुढ़नी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की भी इंट्री हो सकती है। इसका असर महागठबंधन को पड़ सकता है। हाल में हुए उपचुनाव में गोपालगंज विधानसभा सीट पर AIMIM ने अब्दुल सलाम को मैदान में उतारा था। गोपालगंज में राजद-जदयू के संयुक्त प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता 1,794 मतों से चुनाव हार गए थे।

प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने शुक्रवार को बयान दिया। इसमें उन्होंने कहा कि लालू जी बूढ़े हो गए हैं और उनके विचार भी कमजोर हो गए हैं। वे माई समीकरण के नेता थे और तेजस्वी यादव एटूजेड के नेता हैं। राजद का खेमा खंभों पर खड़ा था। तेजस्वी यादव का महल 26 खंभों पर खड़ा है। उसमें से एक खंभा गिर जाए तो क्या बिगड़ जाएगा? उनके इस बयान के बाद ऐसा लग रहा है कि कुढनी में AIMIM भी अपना दांव आजमा सकती है।

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