Bihar: राजद की सूची ने चौंकाया, कपड़ा धोने वाली मुन्नी रजक को MLC का टिकट, दो और प्रत्याशी घोषित
Bihar: बिहार में राजद की सूची में मुन्नी रजक का नाम देखकर सब लोग हैरान रह गए क्योंकि राजद में भी अधिकांश लोगों को उनके बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी।
New Delhi: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council Election) के 20 जून को होने वाले चुनाव के लिए राजद (RJD) ने तीन प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) की ओर से घोषित किए गए तीन प्रत्याशियों में सबसे चौंकाने वाला नाम मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक का है जो आज भी कपड़ा धोने का काम करती हैं। मुन्नी रजक के नाम की घोषणा पर सियासी हलकों में हैरानी जताई जा रही है क्योंकि पार्टी में कई दमदार नेताओं की ओर से टिकट की दावेदारी की जा रही थी।
मुन्नी रजक (Munni Rajak) के अलावा पार्टी ने युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहेब (Qari Soheb) और ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले अशोक पांडे (Ashok Pandey) को चुनाव मैदान में उतारा है। राजद की सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ने दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण के समीकरण को साधने की कोशिश की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि सूची से साफ हो गया है कि राजद ए टू जेड वाली पार्टी है।
लालू और राबड़ी से की मुलाकात
राजद की सूची में मुन्नी रजक का नाम देखकर सब लोग हैरान रह गए क्योंकि राजद में भी अधिकांश लोगों को उनके बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। जगदानंद सिंह की ओर से मुन्नी रजक का नाम घोषित किए जाने के बाद वे पटना में राबड़ी के आवास पर पहुंचीं और लालू के परिवार से मुलाकात की। मुन्नी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD chief Lalu Prasad Yadav), पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के अलावा लालू के दोनों बेटों तेजप्रताप (Tej Pratap Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से भी मुलाकात की।
तेजप्रताप ने भेंट की भगवतगीता
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उपहार के तौर पर मुन्नी रजत को भगवत गीता के प्रति भेंट की। तेज प्रताप यादव ने कहा कि मुन्नी देवी को मेरे पिता लालू यादव की ओर से मुन्नी रजत नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने मुन्नी रजक को भगवतगीता की प्रति भेंट करते हुए इसी से राजनीति सीखने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि राजनीति का पूरा ज्ञान इस महान ग्रंथ में समाहित है। इस ग्रंथ से सभी को संदेश मिलता है कि श्री कृष्ण के साथ रहने वाला हमेशा जीतता है जबकि दुर्योधन का साथ देने वाले को हमेशा हार मिलती है।
पूरा परिवार करता है कपड़ा धोने का काम
लालू के परिवार से मुलाकात के बाद मुन्नी देवी ने कहा कि उन्हें फोन करके लालू आवास पर बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि आज वट सावित्री का व्रत तो होने के कारण उन्हें कोई उपहार मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि विधान परिषद के लिए राजद का टिकट मिलने पर वे खुद भी हैरान हैं क्योंकि उन्हें सपने में भी ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी।
मुन्नी देवी के पास आज तक कोई अपना घर भी नहीं है और वे एक किराए के मकान में रहकर कपड़ा धोने का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार कपड़ा धोकर ही अपना जीवन चलाता है। उन्होंने राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की तारीफ करते हुए कहा कि उनके इस कदम से साफ हो गया है कि उन्हें गरीबों की पूरी फिक्र है। उन्होंने विधान परिषद में गरीबों की आवाज बनने की बात भी कही।
चर्चा का विषय बना मुन्नी का टिकट
मुन्नी देवी का टिकट बिहार के सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजद की ओर से उनके नाम के ऐलान के बाद पार्टी के नेता भी हैरान रह गए। पार्टी के कई दमदार नेता दावेदारों की सूची में शामिल थे मगर मुन्नी देवी के नाम की चर्चा दूर-दूर तक नहीं थी। राजद के टिकट का आखिरी फैसला लालू ही करते हैं और लालू ने इस फैसले से दूसरे दलों के साथ ही अपने दल के नेताओं को भी हैरान कर दिया है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने कहा कि पार्टी के मुखिया लालू और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से चर्चा के बाद राजद के तीन नामों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने दलित उम्मीदवार के साथ ही अल्पसंख्यक और ब्राह्मण चेहरे को मौका देकर यह साबित कर दिया है कि राजद ए टू जेड वाली पार्टी है। बिहार में विधान परिषद की 7 सीटें खाली हो रही हैं और अभी तक इनमें से 5 सीटें जदयू और 2 सीटें भाजपा के पास थीं।