आडवाणी के साथ स्नेहिल मुलाकात को शेयर कर मैथेमेटिक्स गुरु ने लिखी ये बात...

एक छोटे से गांव के शिक्षक के लिये घर का चाय पिलाना और मीठा खिलाना यह दर्शाता है की आडवाणी जी कितने महान व्यक्तित्व के है और समाज का आईना कहे जाने वाले शिक्षको से कितना प्यार करते है।

Update: 2020-07-24 06:37 GMT
लाल कृष्ण अडवाणी और आर के श्रीवास्तव

पटना : एक छोटे से गांव के शिक्षक के लिये घर का चाय पिलाना और मीठा खिलाना यह दर्शाता है की आडवाणी जी कितने महान व्यक्तित्व के है और समाज का आईना कहे जाने वाले शिक्षको से कितना प्यार करते है। पद्मविभूषण से सम्मानित राष्ट्र गौरव देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिलने मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव पहली बार जब उनके आवास पर गए थे। उस मुलाकात को यादगार बताते हुये आरके श्रीवास्तव ने कहा की उनके द्वारा दिये गये प्यार और आशीर्वाद को भुल नही सकता। उनसे घंटो शैक्षणिक बातचीत से बहुत कुछ सीखने को मिला।

 

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12 घंटे गणित पढाना किसी चमत्कार से कम नहीं

आरके श्रीवास्तव ने इस शिष्टाचार भेट के दौरान अपने शैक्षणिक कार्यशैली से उनको रुबरु कराया। लालकृष्ण आडवाणी ने आरके श्रीवास्तव को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया। बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज निवासी मैथेमैटिक्स गुरू फेम आरके श्रीवास्तव आज पहचान के मोहताज नहीं। उनके शैक्षणिक कार्यशैली के तहत गणित पढाने के तरीके का कायल है पूरी दुनिया। चुटकुले सुनाकर खेल-खेल में पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढाना किसी चमत्कार से कम नहीं। बिहारी गुरू आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन सहित कई रिकॉर्ड्स बुक मे भी दर्ज है। दर्जनो अवार्ड से अब तक हो चुके हैं सम्मानित।

शैक्षणिक कार्यशैली लोकप्रिय

आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली के तहत बढती लोकप्रियता ने बढ़ाया बिहार का मान सम्मान। अपने कड़ी मेहनत, उच्ची सोच, पक्का इरादा के बल पर बन चुके हैं लाखो युवायो के रॉल मॉडल। देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके है। शैक्षणिक मीटिंग के दौरान मैथेमैटिक्स गुरू के नाम से महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके है सम्बोधित।

आरके श्रीवास्तव ने युवाओ को हमेशा बताया कि “जीतने वाले छोड़ते नहीं, और छोड़ने वाले जीतते नहीं” के मार्ग पर हमेशा आगे बढ़े। आपको सफलता पाना है तो कई असफलता के बाद भी अपने लक्ष्य को छोड़े नहीं, उसे पाने के लिये निरंतर परिश्रम करते रहे, आपको एक दिन सफलता जरुर मिलेगी। देश के विभिन्न राज्यो के शैक्षणिक एवं समाजिक कार्यक्रमों में अपने सम्बोधन से बिहार के मान सम्मान को हमेशा आगे बढ़ाया है इस बिहारी गुरू ने।

 

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बिहार के अनमोल रत्न आर के श्रीवास्तव दर्जनों अवार्ड से सम्मानित हो चुके है । शिक्षण कार्य के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में नि:स्वार्थ योगदान वाले ऐसे सारे गुरुओ को पुरा देश सलाम करता है। बिहार आदिकाल से ही महापुरुषो की भूमि रही है, जिन्होंने हिंदुस्तान सहित पूरे विश्व को मार्ग दिखाया।

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