Bihar Assembly Election 2020: तैयारियों में राजनीतिक दलों से आगे चुनाव आयोग

कोविड-19 का संकट आने के बाद ये पहला चुनाव होगा। ऐसे में सामाजिक दूरी रखना और मतदान के सुचारू ढंग से पूरा करवाना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगी।

Update: 2020-09-25 08:05 GMT
कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग के लिए बिहार में चुनाव कराने की घोषणा एक बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके आयोग ने यह चुनौती स्वीकार करते हुए आज चुनावों की तिथियां घोषित कर दी।

श्रीधर अग्निहोत्री

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग के लिए बिहार में चुनाव कराने की घोषणा एक बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके आयोग ने यह चुनौती स्वीकार करते हुए आज चुनावों की तिथियां घोषित कर दी। इसके लिए आयोग जुलाई से ही अपनी तैयारियों में जुटा हुआ था। जहां राजनीतिक दलों में अभी गठबन्धन को लेकर रस्साकसी चल रही है। वहीं आयोग ने चुनाव की घोषणा कर उनसे आगे निकल गया है।

चुनाव आयोग ने जारी की कोविड-19 गाइडलाइन

कोविड-19 का संकट आने के बाद ये पहला चुनाव होगा। ऐसे में सामाजिक दूरी रखना और मतदान के सुचारू ढंग से पूरा करवाना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगी। अभी तक राजनीतिक दलों में गठजोड़ को लेकर एक राय नहीं बन पाई है। लेकिन चुनाव आयोग ने तिथियों को घोषणा कर राजनीतिक दलो की बेचैनियों को बढ़ा दिया है। आयोग बिहार चुनाव के लिए अपनी गाइडलाइन पहले ही तैयार कर चुका था। इसी के चलते उसने पोलिंग बूथों की संख्या में भी वृद्धि की है। जिससे कि सोशल डिस्टेंस्गि का पूरा पालन हो सके।

ये भी पढ़ें- LIVE: बिहार चुनाव: तारीखों का हुआ ऐलान, तीन चरणों में होंगे मतदान

बिहार चुनाव तारीख (फाइल फोटो)

केंद्रीय चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को पहले ही बता चुका है कि चुनाव प्रचार के दौरान डोर-टू-डोर कैंपन में अधिकतम पांच लोगों को ही किसी के घर जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा रोड शो के दौरान एक काफिले में 10 की जगह पांच गाड़ियों की टुकड़ियां होगीं। चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन में चुनाव के दौरान फेस मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर, ग्लव्स, फेशियल पीपी किट्स का इस्तेमाल चुनाव प्रक्रिया के दौरान किया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने को कहा है। कोविड-19 गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित करते हुए रैली और सार्वजनिक सभाओं की इजाजत दी गई है। इन सभी मैदानों में जिला चुनाव अधिकारी की तरफ यहां शामिल होने आने वाले लोगों के लिए एडवांस में सोशल डिस्टेंसिंग मार्क करना होगा।

इस बार फिर आमने सामने होंगे JDU-RJD

बिहार चुनाव तारीख (फाइल फोटो)

पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार का चुनाव अलग होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्युंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने महागठबंधन बनाकर भाजपा आरएलएसपी और एलजेपी के गठबंधन को हराकर सत्ता पर कब्जा किया था। इसमें मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के साथ ही लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।

ये भी पढ़ें- समाजवादियों ने लगाया झूंठा आरोप, विकलांग को उठाकर CMO की मेज पर बैठाया

पर दो साल बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद में मतभेद पैदा हो गए और उन्होंने अपने दल को अलग कर भाजपा का साथ पकड़ लिया। इसके बाद बिहार में नई सरकार बनी। अब महागठबंधन में राजद, कांग्रेस के अलावा आरएलपी और वीआईपी पार्टी शामिल हैं। जबकि भाजपा ने नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ने का एलान किया है। एलजेपी अभी तक एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उसके मतभेद सामने आ रहे है।

बिहार चुनाव तारीख (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- कश्मीर में दो आतंकी मारे गएः घर घर तलाशी, बरामद हुए हथियार, गोला-बारूद

यहां यह बताना जरूरी है कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। इनमें 203 सामान्य सीटों के अलावा 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में 243 विधानसभा सीटों पर 62778 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। लेकिन इस बार बूथों की संख्या बढ़ाई गयी है।

Tags:    

Similar News