Bihar : 10 जिलों में NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, मार्शल आर्ट की आड़ में आतंकी प्रशिक्षण रैकेट पर 'प्रहार'
NIA ने PFI से जुड़े एक संदिग्ध और आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में बिहार में गुरुवार को 30 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी कई जिलों में जारी है।
NIA Raid in Bihar : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े एक संदिग्ध और आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में बिहार में 30 स्थानों पर छापेमारी की है। संगठन पर कथित रूप से 'मार्शल आर्ट प्रशिक्षण' की आड़ में हथियार प्रशिक्षण शिविर (Weapons Training Camp) चलाने का आरोप है। जिन जिलों में छापेमारी की जा रही है उनमें छपरा (Chhapra), अररिया (Araria), औरंगाबाद (Aurangabad), किशनगंज (Kishanganj), नालंदा (Nalanda) और जहानाबाद (Jehanabad) शामिल हैं।
बिहार पुलिस (Bihar Police) द्वारा इस साल जुलाई में तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ कथित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने मामले को एनआईए को सौंप दिया था।
बिहार के 10 जिलों में एनआईए रेड जारी
बिहार के 10 जिलों में एनआईए की रेड चल रही है। फुलवारी शरीफ में आतंकी मोड्यूल सामने आने के बाद टीम लगातार जांच कर रही थी। PFI कनेक्शन को लेकर एनआईए को कुछ सुराग हाथ लगे हैं। उसी को लेकर यह छापेमारी चल रही है। गुरुवार सुबह ही एनआईए की टीम राज्य के 10 जिलों में कई ठिकानों पर रेड करने पहुंची। पटना के फुलवारी शरीफ के अलावा वैशाली, मधुबनी, छपरा, अररिया, औरंगाबाद, किशनगंज, नालंदा और जहानाबाद शामिल हैं। अररिया के जोकीहाट में SDPI के प्रदेश महासचिव एहसान परवेज घर भी NIA पहुंची है।
मुजफ्फरपुर में NIA की छापेमारी
मुजफ्फरपुर जिले में भी NIA टीम की छापेमारी जारी है। सकरा थाना के गौरीहार में महरूल इस्लाम का घर है। उसका नाम आतंकी कनेक्शन में सामने आए PFI से जुड़ा था। पटना में पकड़े गए PFI के सदस्यों ने महरूल समेत 26 का नाम NIA को बताया था। इसके बाद यह दूसरी बार है, जब NIA की टीम मजरुल के घर पहुंची। यहां सिर्फ उसकी मां जमीला खातून और भाभी जरीना खातून मौजूद थी। टीम में करीब आधा दर्जन अधिकारी थे।
फुलवारीशरीफ पहुंची टीम
फुलवारीशरीफ के मिलकियाना मोहल्ला एवं भनपुरा ग्रामीण इलाके में एनआईए की टीम पहुंची। पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े संदिग्धों की तलाश में छापेमारी चल रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बात को कोई भी बताने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि पिछले 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ के नया टोला से पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े लोगों के अड्डे पर पुलिस ने छापेमारी किया था। पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग जगहों से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में बिहार के अन्य जिलों से 26 लोगों को नामजद किया गया था।
22 लोग अभी भी गिरफ्त से दूर
इस मामले में अभी भी 22 लोग पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया। इसे को लेकर एनआईए की टीम फुलवारी शरीफ के भिन्न-भिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है। इधर छपरा छपरा के जलालपुर के माधवपुर पंचायत के रुदलपुर गांव निवासी सरकारी शिक्षक परवेज आलम के घर पर NIA की SIT टीम के साथ ही सेंट्रल टीम भी छापेमारी में शामिल है। साथ में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। वहां पिछले एक घंटे से घर में पूछताछ भी चल रही है।
नालंदा में भी छापेमारी
वहीं नालन्दा के सोहसराय थाना क्षेत्र के खासगंज मोहल्ले में गुरुवार की अहले सुबह एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष शमीम अख्तर के घर छापेमारी की। टीम शमीम अख्तर के छोटे भाई मो. दानिश को एनआईए की टीम अपने साथ ले गई है। इसके अलावा मधुबनी जिला के लदनिया प्रखंड के मिर्जापुर काशी टोल में अकिल के पुत्र मोहम्मद जशीम के घर में एनआईए टीम रेड कर रही है। टीम पिछले माह भी मधुबनी रेड करने पहुंची थी।
13 जुलाई को हुई थी गिरफ़्तारी,
तब झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को 13 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया गया था। जबकि नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उनका संबंध पीएफआई से है। जल्लाउद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े थे। वे स्थानीय लोगों को तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे। साथ ही, उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसा भी रहे थे।
जांच में पता चला है कि पटना में दूसरे राज्यों के लोग उनसे मिलने आ रहे थे। वे आगंतुक अपनी पहचान छुपाने के लिए बिहार की राजधानी के होटलों में रहने के दौरान अपना नाम बदल लेते थे।
बिहार पुलिस को मिले थे पैम्फलेट भी
बिहार पुलिस ने कहा था कि उन्होंने जलाउद्दीन और परवेज के खिलाफ पहले की गई छापेमारी के दौरान अंग्रेजी में लिखे दो पैम्फलेट- 'इंडिया 2047: टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया' और 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, 20 फरवरी, 2021' बरामद किए थे। यूपी के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कहा था कि नूरुद्दीन ने पूछताछ के दौरान "कबूल" किया था कि वह 2015 में पीएफआई दरभंगा जिला अध्यक्ष के संपर्क में आया था और तब से संगठन से जुड़ा हुआ है।
ED ने 'मनी लॉन्ड्रिंग' की जांच तेज की
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने जुलाई में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) की जांच शुरू की थी। एजेंसी देश में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध को हवा देने के आरोप में पीएफआई के कथित "वित्तीय लिंक" की जांच कर रही है। इसके अलावा फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगे, हाथरस (यूपी जिला) मामले में कथित साजिश कथित सामूहिक बलात्कार और एक दलित महिला की मौत और कुछ अन्य मामलों में भी छानबीन जारी है।
इस्लामिक संगठन पीएफआई का गठन 2006 में केरल में हुआ था। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। ईडी ने पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ की विशेष पीएमएलए अदालत में दो चार्जशीट दाखिल की हैं। इसने जून में पीएफआई और उसके "फ्रंट" संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन की 68.62 लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि को इन जांचों के हिस्से के रूप में संलग्न किया था।