छठ पूजा के लिए सरकार ने जारी की गाइलाइन, इन नियमों का करना होगा पालन

बिहार सरकार ने गाइडलाइन जारी करने के साथ ही लोगों को सलाह दी है कि वह नदियों-तालाबों पर छठ पूजा करने के बजाए घरों पर ही अर्घ्य दें। इस बार छठ के अवसर पर ना मेला लगेगा, ना ही जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Update: 2020-11-15 18:35 GMT
छठ पूजा करने वाले सभी लोग कोसी भरने की परम्परा से भलीभांति वाकिफ हैं। लम्बे अरसे से छठ पूजा में कोसी भरने की परंपरा चली आ रही है।

पटना: तीन दिन बाद बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ की शुरुआत हो जाएगी। अब इस बीच छठ महापर्व पर बिहार सरकार ने गाइलाइन जारी की है। कोरोना संकट में होने वाले छठ महापर्व के लिए गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बिहार सरकार ने गाइडलाइन जारी करने के साथ ही लोगों को सलाह दी है कि वह नदियों-तालाबों पर छठ पूजा करने के बजाए घरों पर ही अर्घ्य दें। इस बार छठ के अवसर पर ना मेला लगेगा, ना ही जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इसके साथ ही सरकार की तरफ से श्रद्धालुओं को घाट पर अर्ध्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बिहार सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वो घाटों पर बैरिकेडिंग ऐसे लगाएं कि श्रद्धालु उसमें डुबकी नहीं लगा सकें।

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सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक छठ पर्व के दौरान बुखार से पीड़ित लोग, 60 साल के ऊपर के उम्र के व्यक्ति और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घाट पर नहीं जाने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन को यह भी आदेश गया है कि वो लगातार लोगों से अपील करें कि वो इस बार घाटों पर ना जाए और अपने घरों में ही छठ पर्व मनाएं। इसके बावजूद भी अगर लोग तालाब या घाटों पर छठ मनाने आते हैं तो सख्ती से कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराया जाए।

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सरकार की तरफ से कहा गया है कि सभी व्‍यक्ति सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करें। छठ घाटों पर भीड़ ना लगाएं। इसके साथ ही छठ घाटों पर लोग अनिवार्य रूप से फेस मास्क का इस्तेमाल करें। 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे घाट पर ना जाएं। गाइडलाइन में कहा गया है कि बुखार से पीड़ित और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग घाट पर नहीं जाएं। भगवान सूर्य की अर्घ्‍य के दौरान नदी-तालाब में डुबकी नहीं लगाएं।

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गाइडलाइन में कहा गया है कि छठ पूजा के आयोजकों-कार्यकर्ताओं और उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को समय समय पर साफ सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाले सतहों और बैरिकेडिंग को समय समय पर साफ किया जाए और सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर थूकना भी मना है।

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