Murli Manohar Srivastava: इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे जाएंगे लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव
Murli Manohar Srivastava: लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव इस बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। यह रिकॉर्ड इनके नाम से दर्ज होने में इनकी पुस्तक ‘शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां’ की वजह से है।
Murli Manohar Srivastava: हर बार अपनी लेखनी को लेकर चर्चा में रहने वाले लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव (Writer Murli Manohar Srivastava) इस बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। यह रिकॉर्ड इनके नाम से दर्ज होने में इनकी पुस्तक 'शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां' (Shehnai player Ustad Bismillah Khan) की वजह से है। दरअसल मुरली की यह पुस्तक वर्ष 2008 में प्रभात प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुई थी। जबकि इस पुस्तक की रचना मुरली मनोहर श्रीवास्तव (Writer Murli Manohar Srivastava) ने छपने से 10 वर्ष पहले ही कर दिया था। इस पुस्तक को लेकर दिल्ली की गलियों में दौड़ते रहे मगर किसी ने प्रकाशित नहीं किया। वर्ष 2008 में लेखक मुरली की पुस्तक प्रकाशित हुई और इसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 नवंबर 2009 को लोकार्पण किया था।
वर्सेटाइल लेखक
बिहार के बक्सर जिले (Buxar district of Bihar) के डुमरांव के एक साधारण परिवार में मुरली मनोहर श्रीवास्तव (Writer Murli Manohar Srivastava) जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। लाख मुश्किलों के आने के बाद भी इन्होंने कभी भी मेहनत और अपनी लेखनी से मुंह नहीं मोड़ा। अपनी लेखनी की प्रेरणा का श्रेय अपने पिता शशि भूषण श्रीवास्तव को देते हैं। कहते हैं कि इन्होंने अपने पिता को अपने बाल्यकाल में ही फिल्म बनाते हुए और कहानियों की रचना करते देखा था, वहीं से इनको प्रेरणा मिली और मुरली एक बेहतर लेखक बन गए। इनके पिताजी बिस्मिल्लाह खां साहब को एक फिल्म के मुहुर्त के सिलसिले में डुमरांव लेकर आए थे। उस वक्त भले ही इनकी बायोग्राफी लिखने की सोच नहीं रही हो, मगर आगे चलकर उस्ताद के ऊपर शोधपरक पुस्तक ने ही मुरली को आज इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित कई अनेक पुरस्कारों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।
जाति-धर्म से परे है इनकी लेखनी
गंगा-जमनी तहजीब को केंद्र में रखकर भारत रत्न शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां (Bharat Ratna Shehnai Nawaz Ustad Bismillah Khan) पर पुस्तक लिखने के समय भले ही मुरली हंसी के पात्र बने हों, मगर आज उन पर किए गए कार्य की वजह से ही उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड तक पहुंचाया है। उस्ताद पर यह पुस्तक दुनिया की इकलौती हिंदी पुस्तक है जिसे बिस्मिल्लाह खां साहब (Bharat Ratna Shehnai Nawaz Ustad Bismillah Khan) की चाहत पर लिखी गई थी। इस पुस्तक में लोकवाद्य से शास्त्रीय वाद्य बनाने का श्रेय उस्ताद को जाता है जिसे इस पुस्तक में कलमबद्ध किया गया है। साथ ही उस्ताद के नाम को कई जगहों पर गलत पढ़ाया जाना, उनकी कई बातें जो आमजन के लिए जानना जरुरी हो जाता है जिसे कहीं किसी ने नहीं लिखा है उसको इन्होंने अपनी पुस्तक में लिखकर पुस्तक को सारगर्भित बनाया है। मुरली मनोहर श्रीवास्तव और बिस्मिल्लाह खां सहब दोनों एक ही गांव और एक ही मुहल्ले के रहने वाले हैं। साथ ही उस्ताद की बायोग्राफी मुरली ने उनके साथ समय व्यतीत करके ही लिखा है, इसलिए इसे मानक के साथ दुनिया की पहली हिंदी और सारगर्भित पुस्तक मानी जाती है। इन्होंने बिस्मिल्लाह खां (Bharat Ratna Shehnai Nawaz Ustad Bismillah Khan) पर पुस्तक के अलावे दो डॉक्यूमेंट्री बनायी एक सफर-ए-बिस्मिल्लाह और दूसरी दूरदर्शन के लिए। इसके अलावे उस्ताद पर रिर्सच बेस्ट काम करने की वजह से पूरी दुनिया में बिस्मिल्लाह खां के साथ मुरली का नाम जोड़ा जाता है। उस्ताद के सानिध्य में आकर मुरली मनोहर श्रीवास्तव नवरात्रि, छठ के अलावे पिछले 24 सालों से रोजा रखते भी आ रहे हैं।
कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा
जिंदगी को संघर्ष का दूसरा पहलू मानने वाले मुरली मनोहर श्रीवास्तव (Murli Manohar Srivastava) ने भौतिकी विज्ञान (physics science) से स्नातक करने के बाद डबल एमए किया। इस दौर में ईमानदार पत्रकारिता ने इन्हें चर्चा का विषय बनाया। साथ ही अपने भाईयों के साथ मिलकर अभावग्रस्त मुरली ने 17 वर्षों तक निःशुल्क कोचिंग चलाया जिससे सैकड़ो लड़कों के कैरियर को संवारने का काम किया। जब अखबार की दुनिया से बाहर आए और चैनल की दुनिया में कदम रखा तो पटना के कई कॉलेजों में पत्रकारिता का क्लास तो लिया ही, सैकड़ो लड़के-लड़कियों को अपने अंडर में रखकर इंटर्नशीप कराया, जिसमें उनकी स्क्रिप्टिंग पर सबसे ज्यादा काम किया। मुरली मनोहर श्रीवास्तव हमेशा से अलग-अलग विषयों पर काम करते हुए आपसी मिल्लत की बातों को जरुर फोकस करते हैं। इन्होंने उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर पुस्तक, जज्बात गजल की पुस्तक, वीर कुंवर सिंह की प्रेमकथा पुस्तक और नाटक, लॉकडाउन, मी-टू, डेली पैसेंजर पुस्तक के अलावे एशिया महादेश की सबसे बड़ी सिक्युरिटिज कंपनी एसआईएस के संस्थापक, प्रसिद्ध उद्यमी आरके सिन्हा की बायोग्राफी लिख रहे हैं जो बहुत जल्द प्रकाशित होने वाली है। जबकि मुस्लिम समुदाय की धार्मिक पुस्तक कुरान को भोजपुरी में अनुवाद कर रहे हैं।