बाजार में आई जान: भारत में कारों की बिक्री बढ़ी, अब वापस आ रही रौनक
टाटा मोटर्स के लिए भी त्योहार बहुत अच्छे गए। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल के त्योहारों के मुकाबले इस बार 95 फीसदी ज्यादा बुकिंग हासिल हुईं और खुदरा बिक्री भी 90 फीसदी बढ़ गई।
लखनऊ। कोरोना काल में मंदी से जूझ रहे ऑटो और घरेलू साजोसामान के सेक्टर को त्योहारी सीजन ने बूस्टर दे दिया है। जहाँ अक्टूबर तक शो रूमों में ग्राहकों के दर्शन तक नसीब नहीं हो रहे थे उन्हीं शोरूम में धनतेरस से दो दिन पहले से ही सांस लेने की फुरसत नहीं थी।
दरअसल, नवरात्र से ही बाजार पलटा है और दीवाली ने लॉकडाउन की कसर पूरी कर दी है। खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं का कहना है कि घरेलू और रसोई के उपकरणों की डिमांड इस दिवाली में पिछली बार के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा रही है। यही हाल कार मार्केट का है जहाँ त्योहरी सीएज़न में बहुत से मॉडल आउट ऑफ़ स्टॉक हो गए।
कारों की बिक्री में इजाफा
मारुति के अनुसार, 12 से 14 नवंबर यानी धनतेरस से दीवाली तक कंपनी ने 37,000 कारों की डिलिवरी की, जो पिछली दीवाली के तीन दिनों के मुकाबले ज्यादा थीं। कंपनी ने पिछले तीन साल में धनतेरस से दीवाली के बीच कभी इतनी कार नहीं बेची थीं। दरअसल, लॉकडाउन के कारण कार की खरीद टालने वाले और कोरोनावायरस के डर से बस, मेट्रो से परहेज करने वाले एकाएक उमड़ पड़े। इसलिए बिक्री जबरदस्त रही।
95 फीसदी ज्यादा बुकिंग हासिल हुईं
टाटा मोटर्स के लिए भी त्योहार बहुत अच्छे गए। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल के त्योहारों के मुकाबले इस बार 95 फीसदी ज्यादा बुकिंग हासिल हुईं और खुदरा बिक्री भी 90 फीसदी बढ़ गई। प्रवक्ता ने बताया कि कार और स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) में एक जैसी मांग रही।
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टियागो से लेकर नेक्सॉन और हैरियर तक सभी मॉडलों की भरपूर मांग देखी गई। कोरोना के डर से कार खरीदने वाले किफायती गाडिय़ां लेने पहुंचे मगर महंगे मॉडलों की मांग भी कम नहीं पड़ी। हुंडई मोटर इंडिया के एक डीलर ने बताया कि शुरुआती स्तर की कार खरीदने वालों से ज्यादा प्रीमियम कार और एसयूवी खरीदने वाले आए। इसीलिए सैंट्रो और नियॉस के मुकाबले वेन्यू और क्रेटा की बिक्री ज्यादा तेज रही।
मुंबई में स्टॉक कम पड़ गया
मुंबई और आसपास के इलाकों में गाडिय़ों की किल्लत रही। स्टॉक खत्म होने के कारण करीब 20 फीसदी ग्राहकों को गाडिय़ां दी ही नहीं जा सकीं। त्योहारों में मांग तो उम्मीद से बढ़कर आई मगर उतनी गाडिय़ां ही नहीं आ सकीं। इस वजह से गाडिय़ों की डिलिवरी में करीब 30 फीसदी कसर रह गई। यहां रेनो, जीप और मर्सिडीज जैसी आलीशान कारों की बिक्री करने वाले लैंडमार्क ने बताया कि अक्टूबर में नवरात्र और दशहरे पर गाडिय़ों की बुकिंग और डिलिवरी पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी अधिक रही थी। लॉकडाउन के कारण कारखाने बंद रहे और बाद में क्षमता से कम उत्पादन हुआ, जिससे पिछले साल से ज्यादा मांग होने के बाद भी डीलर पिछले साल जितनी गाडिय़ां नहीं बेच पाए।
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लखनऊ में तो दीवाली से 15 दिन पहले ही कार खरीदने वालों को न कहने की नौबत आ गई थी। डीलरों ने बताया कि धनतेरस और दीवाली पर कार की डिलिवरी के लिए लोगों ने महीनों पहले बुकिंग करा ली थी, इसलिए नई डिलिवरी के लिए गुंजाइश ही नहीं बची। दीवाली के साथ ही सहालग भी पड़ने के कारण लोकप्रिय मॉडलों की किल्लत हो गई, इसलिए ज्यादा मांग वाले मॉडलों पर कोई भी छूट नहीं दी जा रही है।
लखनऊ में भी बम्पर बिक्री
लखनऊ में बजाज ऑटो के एक बड़े डीलर ने बताया कि त्योहारी बिक्री पिछले साल के जैसी रही। शहर में धनतेरस से दीवाली के बीच तमाम कंपनियों के 15,000 से ज्यादा दोपहिया और 1,500 से ज्यादा कारों की डिलिवरी की गई और धनतेरस से दीवाली के बीच 4-5 हजार कारें डिलीवर हुईं। इस वजह से गाडिय़ों की इतनी किल्लत हो गई है कि बाद में आए खरीदारों को डिलिवरी के लिए 15 दिन बाद तक की तारीख देनी पड़ी है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी धनतेरस के लिए करीब 1,500 कारें बुक हुई थीं मगर स्टॉक की कमी के कारण डीलर 1,000-1,100 की डिलिवरी ही कर पाए। नवरात्र और दशहरे पर भी 1,500 से ज्यादा बुकिंग होने के बावजूद 1,200 गाडिय़ां ही खरीदारों को मिल पाई थीं।
घरेलू उपकरणों की भारी मांग
त्योहारी सीजन में घरेलू उपकरणों की काफी बिक्री हुई। मिसाल के तौर पर गोदरेज एप्लायंसेज ने बताया कि इस बार डिमांड बढ़िया रही है। इसका एक कारण लोगों का अब घरेलू काम स्वयं करना है। कोरोना की वजह से लोग अब घरेलू साफ़ सफाई इत्यादि में बाहरी मदद लेने से हिचक रहे हैं सो अपनी सुविधा के लिए मशीनों की डिमांड बढ़ गयी है। वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, डिश वॉशर, रोबोटिक क्लीनर आदि मशीनों के काफी मांग रही। अच्छी बात ये रही कि कंपनियों ने उपकरणों के दाम नहीं बढ़ाये।
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ऑनलाइन बिजनेस ने बनाया रिकार्ड
इस त्योहारी सीजन में ऑनलाइन रिटेल ने रिकॉर्ड बना दिया। करीब 53 फीसदी स्मार्टफोन ऑनलाइन बेचे गए। वहीं 37-38 फीसदी टेलीविजन बिके, 15-20 फीसदी रेफ्रीजरेटर और वॉशिंग मशीन बिके, 30-40 फीसदी कपड़े बिके और करीब 5 फीसदी एफएमसीजी प्रोडक्ट बिके। करीब साल भर पहले तक इन कैटेगरी में ई-कॉमर्स के जरिए सिर्फ 2-35 फीसदी तक की सेल होती थी। अक्टूबर से शुरू हुए करीब महीने भर के फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन सेल में करीब 10 फीसदी की तेजी देखी गई। एलजी, सैमसंग, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एप्पल, आईटीसी, रिलायंस रिटेल, आदित्य बिरला फैशन, अरविंद फैशन, लिवाइस और डोमिनोज ने ई-कॉमर्स सेल में एक बड़ी तेजी देखी।
ऑफलाइन से ऑनलाइन
कोरोना की वजह से ग्राहक ऑफलाइन से ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। ग्राहकों का ये शिफ्ट कोरोना के बाद भी जारी रह सकता है। पिछले साल से तुलना की जाए तो इस साल रिटेलर्स ने पाया है कि उनकी सेल्स में 10-20 फीसदी की गिरावट आई है। इस दिवाली लोगों ने ऑफलाइन बाजार से फोन नहीं खरीदे, बल्कि ऑनलाइन ही शॉपिंग की। दिवाली पर रिटेलर्स की सेल दो खास वजहों से कम रही।
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पहला ये कि लोग कोरोना की वजह से अभी भी बाहर निकल कर शॉपिंग करने से बच रहे हैं। ऐसे में वह ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दे रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग पर ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने तमाम तरह के ऑफर देकर भी ग्राहकों को लुभाया। ऑफलाइन सेल कम होने की दूसरी बड़ी वजह ये रही कि तमाम ब्रैंड्स की तरफ से स्मार्टफोन की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं की जा सकी, जिसके चलते दुकान में ग्राहकों को फोन मिला ही नहीं।
हमारे संवाददाता- नील मणि लाल
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