रिलायंस फाउंडेशन का 'मिशन अन्न सेवा', लॉकडाउन के बीच 3 करोड़ लोगों को देगा भोजन
रिलायंस फाउंडेशन ने अपने भोजन वितरण कार्यक्रम ‘मिशन अन्न सेवा’ में, भारत भर में हाशिए पर रह रहे लोगों के बीच 3 करोड़ से अधिक भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
लखनऊ: रिलायंस फाउंडेशन ने अपने भोजन वितरण कार्यक्रम ‘मिशन अन्न सेवा’ में, भारत भर में हाशिए पर रह रहे लोगों के बीच 3 करोड़ से अधिक भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। दुनिया भर में एक कॉरपोरेट फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया अब तक का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम बन गया है - ‘मिशन अन्न सेवा’। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) से जुड़ी और समाज कल्याण के लिए काम करने वाली रिलायंस फाउंडेशन अब तक 16 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 68 जिलों में 2 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन वितरित कर चुका है।
रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा कि ''COVID-19'' दुनिया, भारत और मानवता के लिए एक भयानक महामारी है। जो रोज कमाते हैं रोज खाते हैं ऐसे दैनिक मजदूरों के लिए दिल दुख से भर जाता है। वे भी हमारे परिवार के सदस्य हैं - हमारे अपने भारत परिवार के। इसीलिए रिलायंस फाउंडेशन ने मिशन अन्न सेवा शुरू की है - जरूरतमंद भारतीयों को भोजन कराना हमारा संकल्प है। हमारी संस्कृति में, अन्न दान को महादान कहा गया है। उपनिषद हमें सिखाते हैं कि 'भोजन ही ब्रह्म है'। मिशन अन्न सेवा के माध्यम से, हम पूरे देश में हाशिए पर रह रहे लोगों और कोरोना से लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स को 3 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन प्रदान करेंगे। यह दुनिया में कहीं भी एक कॉरपोरेट फाउंडेशन द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम होगा।
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कार्यक्रम के तहत, रिलायंस फाउंडेशन परिवारों को पका हुआ भोजन, रेडी-टू-ईट फूड पैकेट और ड्राई राशन-किट और सामुदायिक रसोई के लिए थोक राशन प्रदान कर रहा है। कार्यक्रम के लाभार्थियों में दैनिक वेतन भोगी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, शहरी सेवा प्रदाता, कारखाने के कर्मचारी और वृद्धाश्रम और अनाथालयों के निवासी शामिल हैं। जूनियर मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और सुरक्षा बलों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी भोजन दिया जा रहा है। कुछ स्थानों पर रिलायंस फ़ाउंडेशन फूड-टोकन भी बांट रहा है, जिसे रिलायंस रिटेल आउटलेट्स जैसे रिलायंस फ्रेश, रिलायंस स्मार्ट सुपरस्टोर, रिलायंस स्मार्ट पॉइंट और सहकारी भंडार में भुनाया जा सकता है।
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रिलायंस फाउंडेशन और रिलायंस परिवार का पूरा स्टाफ एकजुट होकर मिशन पर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन अवधि के दौरान कोई भी भारतीय भूखा न रहे। आवश्यक सामनों की पैकिंग और आपूर्ति का काम रिलायंस रिटेल कर्मचारी के कंधों पर है। मुंबई, सिलवासा, वड़ोदरा, पातालगंगा, हजीरा, झज्जर, शहडोल, जामनगर, दाहेज, बाराबंकी, नागोठाने, गडीमोगा और होशियारपुर जैसे रिलायंस साइटों के कर्मचारी अपने-अपने स्थानों पर गरीब समुदायों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा के कुछ रिलायंस पेट्रोल पंपों पर स्टाफ के सदस्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले ट्रक ड्राइवरों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं।
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रिलायंस फाउंडेशन 70 से अधिक भागीदारों को राहत किट और थोक राशन की आपूर्ति कर रहा है, जो अपने अपने स्थानों में इसी तरह के भोजन वितरण कार्यक्रमों में लगे हुए हैं।
भोजन वितरण कार्यक्रम के अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और रिलायंस फाउंडेशन ने अपने बहु-आयामी, ऑन-द-ग्राउंड प्रयास जारी रखे हुए हैं ताकी कोरोना वायरस से इस जंग में जीत देश की हो।
COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में रिलायंस ने विभिन्न राहत कोषों में 535 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसमें PM-CARES कोष में 500 करोड़ रुपये शामिल हैं।