ग्राहकों को तगड़ा झटका: RBI ने इन बैंकों पर लगाया जुर्माना, आपको पड़ेगा भारी
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बड़ी खबर आ रही है। गुरूवार को रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने नियमन अनुपालन में कमियों को लेकर चार सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) पर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बड़ी खबर आ रही है। गुरूवार को रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने नियमन अनुपालन में कमियों को लेकर चार सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) पर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा कि जोवाई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपये का जुर्माना (5 Lakh Rupee Penalty) लगाया गया है।
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बैंकों पर जुर्माना
ऐसे में कृष्णानगर सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और दी टुरा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे ग्राहकों पर कोई भी असर नहीं होगा। RBI, अक्सर नियम नहीं मानने पर बैंकों पर जुर्माना लगाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने दी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर भी 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों पर कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों को लेकर की गई है।
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शहरी सहकारी बैंकों की कुल परिसंपत्ति
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) से 30 जून, 2021 से प्रणाली आधारित परिसंपत्ति वर्गीकरण व्यवस्था अपनाने को कहा है। रिजर्व बैंक ने अपने परिपत्र में कहा कि जिन शहरी सहकारी बैंकों की कुल परिसंपत्ति 31 मार्च, 2020 तक 2,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहेगी, उन्हें 30 जून, 2021 से प्रणाली आधारित परिसंपत्ति वर्गीकरण को लागू करना होगा।
वहीं 31 मार्च, 2020 तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 2,000 करोड़ रुपये से कम परिसंपत्ति वाले शहरी सहकारी बैंकों को समग्र साइबर सुरक्षा ढांचे पर खुद को तीसरे या चौथे स्तर के लिए स्वआकलन कर इस सिस्टम में 30 सितंबर, 2021 से लागू करना होगा।
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केंद्रीयकृत बैंकिंग प्रणाली
इसके साथ ही प्रणाली आधारित परिसंपत्ति वर्गीकरण से आशय केंद्रीयकृत बैंकिंग प्रणाली या कंप्यूटरीकृत प्रणाली से परिसंपत्ति का वर्गीकरण करना है। यह परिसपंत्ति के उतार या चढ़ाव दोनों स्थिति पर लागू होगा।
दरअसल कंप्यूटर के माध्यम से स्वचालिक तरीके से लगातार चलने वाला यह आकलन आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुरूप होता है। आरबीआई ने इस नियम के अंतर्गत में आने वाले शहरी सहकारी बैंकों से इसका प्रायोगिक परीक्षण करने को भी कहा है, जिससे इसे निर्धारित तिथि से लागू किया जा सके।
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