Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ में फेरबदल की चर्चाएं तेज, बघेल और सिंह देव दिल्ली तलब, कल होगी अहम बैठक

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंह देव को दिल्ली तलब किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-08-23 14:41 GMT

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंह देव को दिल्ली तलब किया गया है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं ने काफी तेजी पकड़ रखी है और इसे लेकर कांग्रेस में खेमेबाजी भी दिख रही है। राज्य में चल रही इस उठापटक के बीच कांग्रेस के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं को मंगलवार को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दिल्ली तलब किया गया है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को राज्य कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया की अगुवाई में महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें राज्य कांग्रेस के संकट पर चर्चा की जाएगी। हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से यह बैठक समीक्षा के लिए बुलाए जाने की बात कही जा रही है मगर जानकारों का कहना है कि इस बैठक के दौरान पावर शेयरिंग के फार्मूले पर भी चर्चा की जाएगी। राज्य कांग्रेस के सभी नेताओं की नजर इस महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हुई है।

कांग्रेस में इन चर्चाओं ने पकड़ी तेजी

दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 17 जून को मुख्यमंत्री के रूप में ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है। कांग्रेस दिसंबर 2018 में चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सत्ता में आई थी। उस समय मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू भी शामिल थे। आखिरकार हाईकमान की हरी झंडी के बाद मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल की ताजपोशी हुई।
कांग्रेस में उस समय से ही यह चर्चा है कि भूपेश बघेल ढाई साल मुख्यमंत्री रहेंगे और ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस की ओर से कभी इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई मगर कांग्रेस हलकों में यह चर्चा उस समय से ही तैर रही है।


पार्टी में दिख रहा तनातनी का माहौल
17 जून को भूपेश बघेल का मुख्यमंत्री के रूप में ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद एक बार फिर राज्य कांग्रेस में तनातनी का माहौल दिख रहा है। वैसे भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव दोनों की ओर से यह बयान दिया जा रहा है कि इस मुद्दे पर आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान को ही लेना है। दोनों नेताओं का कहना है कि हाईकमान इस मुद्दे पर जो भी फैसला लेगा, वह फैसला उन्हें मंजूर होगा।
टीएस सिंह देव ने इस मुद्दे पर कभी खुलकर कोई बयान नहीं दिया है मगर जानकारों का कहना है कि वे इसे लेकर भीतर ही भीतर नाराज हैं। पिछले दिनों आए कांग्रेस विधायक की ओर से आरोप लगाए जाने पर भी उन्होंने खुलकर नाराजगी जताई थी। विधानसभा की बैठक में हिस्सा लेने से भी मना कर दिया था। मंगलवार को होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि इस बाबत पीएल पुनिया ही सही जानकारी दे सकते हैं।
दूसरी और पुनिया ने अभी तक इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा है। वैसे कुछ समय पूर्व पुनिया ने यह बात जरूर कही थी कि सत्ता शेयरिंग का फार्मूला उन दलों में लागू किया जाता है जहां बहुमत नहीं होता। राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत हासिल है। इसलिए इस तरीके के फार्मूले की कोई जरूरत ही नहीं है।

अनदेखी से नाराज हैं सिंह देव
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टीएस सिंह देव भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली को लेकर भी नाराज हैं। हाल में मुख्यमंत्री बघेल की ओर से लिए गए बड़े फैसलों में उनकी अनदेखी की गई है। वरिष्ठ मंत्री होने के बावजूद मुख्यमंत्री की ओर से उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया। कोरोना के संबंध में होने वाले महत्वपूर्ण बैठकों में भी उन्हें नजरअंदाज किया गया।
इस महीने की शुरुआत में टीएस सिंह देव दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि उस समय भी यात्रा का मकसद पूछे जाने पर उन्होंने इसे व्यक्तिगत यात्रा बताया था। मुख्यमंत्री बघेल की ओर से की जा रही इस अनदेखी को लेकर सिंह देव काफी नाराज बताए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि मंगलवार को होने वाली बैठक के दौरान वह इस बाबत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी नेतृत्व उन्हें मनाने में कहां तक कामयाब हो पाता है।


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