Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस का झगड़ा पहुंचा दिल्ली दरबार, हाईकमान ने बघेल और सिंहदेव को किया तलब

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ का सियासी माहौल गरमाया हुआ है और गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। पार्टी हाईकमान अब जल्द से जल्द इस झगड़े को सुलझाने की कोशिश में जुट गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-07-24 11:47 IST

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव (photo: social media )

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दो बड़े नेताओं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singh deo) के बीच छिड़ी जंग का मामला अब दिल्ली दरबार पहुंच गया है। दोनों नेताओं के बीच खींचतान बढ़ने के बाद छत्तीसगढ़ का सियासी माहौल गरमाया हुआ है और गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। पार्टी हाईकमान अब जल्द से जल्द इस झगड़े को सुलझाने की कोशिश में जुट गया है। इसी सिलसिले में दोनों नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। हाईकमान के निर्देश पर दोनों नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।

माना जा रहा है कि दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेता दोनों नेताओं से चर्चा करके सुलह कराने की कोशिश करेंगे। सिंहदेव ने हाल में पंचायत विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने तीखा बयान देते हुए कहा था कि मेरे धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। दोनों नेताओं के बीच पूर्व में भी विवाद हो चुका है मगर हाईकमान ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों के विवाद को शांत कराया था।

सिंहदेव के इस्तीफे से माहौल गरमाया

हाल के दिनों में वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव की नाराजगी खुलकर सामने आई है। उन्होंने गत 16 जुलाई को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जानकारों का कहना है कि सिंहदेव ने पीएम आवास योजना के तहत धनराशि के आवंटन का अनुरोध किया था मगर उनके अनुरोध की अनदेखी करते हुए पैसा नहीं जारी किया गया। इसके साथ ही पैसा मंजूर करने के लिए कुछ प्रावधानों में भी सिंहदेव को बताए बिना फेरबदल किया गया। इसे लेकर वे काफी नाराज थे और आखिरकार उन्होंने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

बघेल सरकार पर भाजपा हमलावर

राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बाद सिंहदेव दिल्ली रवाना हो गए थे और उन्होंने पार्टी के विधायक दल की बैठक और विधानसभा सत्र में भी हिस्सा नहीं लिया था। सिंहदेव के रवैए को लेकर बघेल गुट से जुड़े हुए विधायक हमलावर हैं और उन्होंने सिंहदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी ओर सिंहदेव प्रकरण के बाद भाजपा लगातार बघेल सरकार पर हमला करने में जुटी हुई है। विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ था।

हाईकमान करेगा दोनों नेताओं से चर्चा

राज्य कांग्रेस में बढ़ते संकट के कारण अब कांग्रेस हाईकमान भी सक्रिय हो गया है। पार्टी के दोनों नेताओं को दिल्ली तलब करके विवाद को सुलझाने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। दिल्ली रवाना होने से पूर्व रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा होगी। जानकारों का कहना है कि बघेल पार्टी हाईकमान को सिंहदेव के इस्तीफे के बाद पैदा हुए हालात की जानकारी दे सकते हैं।

दूसरी ओर सिंहदेव ने भी राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के बाद दिल्ली यात्रा के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। जानकारों का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। वे भी पार्टी हाईकमान को राज्य के सियासी हालात की जानकारी देने की कोशिश में लगे हैं। माना जा रहा है कि वे भी पार्टी नेताओं को छत्तीसगढ़ में पैदा हुए सियासी संकट के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। जानकारों का कहना है कि सिंहदेव इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कैबिनेट मंत्री पद छोड़ने तक की बात कह डाली थी।

दोनों नेताओं के बीच काफी दिनों से विवाद

वैसे छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सिंहदेव और बघेल के बीच छिड़ी जंग नई नहीं है। दोनों नेताओं के बीच काफी समय से विवाद चलता रहा है। हालांकि अभी तक पार्टी हाईकमान का आशीर्वाद साथ होने के कारण बघेल की मुख्यमंत्री की कुर्सी बची हुई है। सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दोनों नेताओं के बीच एक बार फिर जंग छिड़ी हुई नजर आ रही है। सिंहदेव और उनके समर्थक विधायक काफी दिनों से राज्य में मुख्यमंत्री के ढाई-ढाई साल के फार्मूले की चर्चा करते रहे हैं।

मुख्यमंत्री के रूप में बघेल का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सिंहदेव ने इस फार्मूले की ओर इशारा किया था। दूसरी ओर मुख्यमंत्री बघेल का कहना था कि इस तरह का कोई फार्मूला नहीं तय किया गया था। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी ऐसा फार्मूला न होने की बात कह चुके हैं। पार्टी नेतृत्व काफी दिनों से यह विवाद टालता रहा है मगर अब मामला एक बार फिर गंभीर मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। अब सभी की निगाहें दिल्ली बैठक के बाद सिंहदेव के भावी कदमों पर होंगी।

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