छत्तीसगढ़ में सस्पेंस बरकरार, आज फिर होगी राहुल के साथ बैठक, बघेल और सिंह देव दोनों मोर्चे पर डटे
Chhattisgarh Congress Crisis: मुख्यमंत्री बघेल की शुक्रवार को एक बार फिर पार्टी हाईकमान के साथ बैठक होनी है। इस बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अधिकांश मंत्री-विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं।;
राहुल गांधी संग भूपेश बघेल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Chhattisgarh Congress Crisis: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की कुर्सी को लेकर संशय अभी भी बरकरार है। माना जा रहा है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ ने कांग्रेस नेतृत्व के संबंध में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री बघेल की शुक्रवार को एक बार फिर पार्टी हाईकमान के साथ बैठक (Meeting) होनी है। इस बीच हाईकमान से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के अधिकांश मंत्री-विधायक दिल्ली (Delhi) पहुंच गए हैं।
दूसरी ओर राज्य के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव (T. S. Singh Deo) अभी भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि टीम में शामिल कोई भी खिलाड़ी कप्तान बनने की इच्छा रख सकता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। माना जा रहा है कि सिंह देव ने इशारों में बड़ी बात करने की कोशिश की है। दरअसल वे छत्तीसगढ़ कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के फार्मूले की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब हर किसी की नजर शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी है। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ भी बैठक हो सकती है।
भूपेश बघेल व सिंह देव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
राहुल के साथ पिछली बैठक में नहीं सुलझा मुद्दा
कांग्रेस नेतृत्व के लिए राजस्थान और पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस का संकट भी बड़ा सिरदर्द बन गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व वरिष्ठ मंत्री सिंह देव की राहुल गांधी के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पी एल पुनिया (PL Punia) भी मौजूद थे। हालांकि बैठक के बाद पुनिया ने स्पष्ट तौर पर कहा कि बैठक के दौरान सिर्फ राज्य की विकास योजनाओं पर ही चर्चा हुई। उन्होंने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं से पूरी तरह इनकार किया। उनका यह भी कहना था कि बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई।
दूसरी ओर कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह बैठक राज्य में नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा के लिए ही आयोजित की गई थी। बाद में बघेल और सिंह देव ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से अलग-अलग मुलाकात की थी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के मामले में समन्वय की जिम्मेदारी वेणुगोपाल को सौंपी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वेणुगोपाल के साथ बैठक के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा हुई।
बघेल की शक्ति प्रदर्शन की तैयारी
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गहराते संकट के बीच राज्य के करीब 35 मंत्री व विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि ये सभी कांग्रेस नेता पार्टी हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार अच्छे तरीके से काम कर रही है और सभी विधायक एकजुट होकर बघेल के साथ हैं। माना जा रहा है कि अभी कुछ और विधायक दिल्ली पहुंचेंगे। जानकारों का कहना है कि बघेल हाईकमान को अपने समर्थक विधायकों की ताकत दिखाना चाहते हैं।
उधर पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का कहना है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री की राहुल गांधी के साथ मुलाकात होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से छत्तीसगढ़ के मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है।
टीएस सिंह देव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
सिंह देव की भी सीएम पद पर दावेदारी
उधर मुख्यमंत्री बघेल के लिए संकट का कारण बने वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंह देव दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। गुरुवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि टीम का हर खिलाड़ी कप्तान बनना चाहता है और इसमें कुछ भी बुराई नहीं है। सिंह देव के इस बयान को बड़ा संकेत माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के कप्तान बनने की इच्छा में सवाल सोच का नहीं, क्षमताओं का है। इसी तरह शीर्ष नेतृत्व को भी छत्तीसगढ़ के बारे में फैसला लेना है।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी ने कभी भी ढाई-ढाई साल के फार्मूले के बारे में कोई बात नहीं की है। सिंह देव ने कहा वे शीर्ष नेतृत्व की ओर से सौंपी जाने वाली हर जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि अपने इस बयान के जरिए सिंह देव ने मुख्यमंत्री पद के लिए एक बार फिर अपनी दावेदारी पेश की है।
आज की बैठक पर टिकीं नजरें
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब हर किसी की नजर शुक्रवार को होने वाली बैठक पर टिकी है। पिछली बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी थी। इस कारण शुक्रवार को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में चल रही सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। मंगलवार को पार्टी हाईकमान के साथ बैठक के बाद रायपुर पहुंचे भूपेश बघेल ने अपने समर्थक विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया था। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि वे पार्टी हाईकमान के आदेश पर ही मुख्यमंत्री बने थे और जब भी हाईकमान की ओर से आदेश मिलेगा वे मुख्यमंत्री पद छोड़ने में तनिक भी देरी नहीं करेंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या फैसला लेता है।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।