छत्तीसगढ़ में नहीं टला है कांग्रेस का संकट,सिंह देव का तेवर बरकरार,चर्चा का विषय बना बदलाव संबंधी बयान
Chhattisgarh Congress News : पंजाब और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस का झगड़ा भी पार्टी हाईकमान के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है।
Chhattisgarh Congress News : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को भले ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभयदान मिल गया हो मगर राज्य में सियासी उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। बघेल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राज्य के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) दिल्ली से रायपुर जरूर लौट आए हैं मगर वे अभी भी राज्य में परिवर्तन संबंधी बयान दे रहे हैं। उनका एक बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
टीएस सिंह देव का कहना है कि दुनिया में एक ही चीज है स्थायी है और वह है परिवर्तन। उन्होंने कहा कि राज्य में नेतृत्व के संबंध में हाईकमान से पूरी चर्चा हो चुकी है। जल्द ही हाईकमान की ओर से कोई फैसला लिया जाएगा। सिंह देव के बयान को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि उन्होंने अभी भी अपनी तलवार म्यान में नहीं डाली है। आने वाले दिनों में राज्य में एक बार फिर खींचतान का दौर शुरू हो सकता है।
अभी भी दिख रहा है तनाव का असर
पंजाब और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस का झगड़ा (Congress Vivad) भी पार्टी हाईकमान के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। राज्य में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फार्मूले को लेकर पैदा हुए तनाव का असर अभी भी दिख रहा है। दो दिन पूर्व दिल्ली में राज्य में नेतृत्व के मुद्दे पर गहरा मंथन का दौर चला था। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बघेल और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं की लंबी चर्चा हुई थी।
हालांकि इस चर्चा के बाद राज्य के प्रभारी पीएल पुनिया का कहना था कि बैठक के दौरान सिर्फ राज्य की विकास योजनाओं पर ही चर्चा हुई है। उन्होंने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा होने से इनकार किया था जबकि कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान चर्चा का मुख्य बिंदु यही था।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहना था कि उन्होंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इस बयान को इस बात का संकेत माना गया था कि पार्टी हाईकमान ने फिलहाल राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा टाल दिया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से वकालत किए जाने के बाद बघेल को ही बरकरार रखने का फैसला किया गया।
हाईकमान लेगा उचित समय पर फैसला
दिल्ली से समर्थकों समेत रायपुर लौटने पर बघेल का जोरदार स्वागत किया गया था। मुख्यमंत्री ने भी विक्ट्री साइन बना कर इस बात का संकेत दिया था कि फिलहाल उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। दूसरी ओर उनके खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने रायपुर लौटने पर कहा कि छत्तीसगढ़ से जुड़ा मसला पूरी तरह हाईकमान के संज्ञान में है।
उनका कहना था कि हाईकमान ने फिलहाल निर्णय सुरक्षित रख लिया है। उचित समय पर छत्तीसगढ़ के बारे में फैसला जरूर लिया जाएगा। सिंह देव के इस बयान को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि राज्य का संकट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है । आने वाले दिनों में यह मामला एक बार फिर गरमा सकता है।
सिंह देव ने परिवर्तन को बताया स्थायी
सिंह देव ने कहा कि दुनिया में एक ही चीज स्थायी है और वह परिवर्तन है। राज्य से जुड़ी हर बातें हाईकमान की जानकारी में दे दी गई हैं।हाईकमान समय आने पर उचित फैसला लेगा। भूपेश बघेल की तरह सिंह देव का भी समर्थकों की ओर से रायपुर एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान राहुल और सोनिया के साथ ही सिंहदेव के समर्थन में भी जमकर नारेबाजी की गई।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा कई दिनों से गरमाया हुआ था। सिंह देव ने इस मामले को लेकर कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा था। इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के नेताओं की राहुल गांधी के साथ व्यापक चर्चा हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भी इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की संभावना थी। हालांकि सोनिया ने इस मुद्दे पर किसी भी नेता से कोई बातचीत नहीं की। सिंह देव का कहना है कि वह पहले ही रायपुर लौटने वाले थे मगर पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के कहने पर दिल्ली रुक गए थे।
फिर दिख सकती है दोनों खेमों में तनातनी
सियासी जानकारों का कहना है कि सिंह देव के बयान से संकेत मिलता है कि बघेल को हाईकमान की ओर से कुछ समय के लिए अभयदान जरूर मिल गया है। लेकिन अभी राज्य का संकट पूरी तरह टला नहीं है। बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में गत 17 जून को ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है । उसी के बाद से सिंह देव समर्थकों की ओर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग की जा रही है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर सिंह देव और उनके समर्थक नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर हाईकमान पर दबाव बना सकते हैं। राहुल गांधी भी जल्द ही छत्तीसगढ़ की यात्रा पर आने वाले हैं। अब राज्य के कांग्रेस नेताओं की नजर राहुल के दौरे पर टिकी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि राहुल की यात्रा के दौरान राज्य में चल रही सियासी उठापटक क्या मोड़ लेती है।