छत्‍तीसगढ़ के 18 ज‍िलों में लॉकडाउन, जलती लाशों के धुएं से लोग परेशान

छत्‍तीगढ़ में कोरोना से हो रही मौतें के कारण श्मशानों में आने वाले शवों की संख्‍या बढ़ गई है।

Published By :  Ashiki
Update: 2021-04-12 09:14 GMT

फाइल फोटो 

रायपुर: कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण कहर मचाने लगा है। इस महामारी से प्रभावित सबसे प्रमुख राज्‍यों में शामिल छत्‍तीगढ़ में भी इसका कहर देखने को मिल रहा है। प्रदेश में कोरोना से हो रही मौतें के कारण श्मशानों में आने वाले शवों की संख्‍या बढ़ गई है।

इतना ही नहीं शवों को जलाने के चलते निकलने वाले धुंए से लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। छत्‍तीगढ़ की राज्‍य में राजधानी रायपुर के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक प्रभावित शहर दुर्ग में कुछ इस तरह की स्थिति सामने आई। दुर्ग के रामनगर इलाके के पार्षद के मुताबिक दुर्ग में श्मशान से निकलेवाले धुंआ के कारण लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। करीब 70 लाशें हर दिन यहां आ रही हैं इसमें कोविड और नॉन कोविड शामिल हैं, जिन्‍हें हर दिन जलाया जा रहा है।

वहीं छत्तीसगढ़ में रविवार को कोरोना के 10,521 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,43,297 हो गई। इसके अलावा 122 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,899 हो गई है। फ़िलहाल छत्‍तीसगढ़ में 90,277 मरीजों का उपचार चल रहा है। वहीं, अब तक 3,48,121 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

28 जिलों में से 18 में लॉकडाउन लागू

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 28 जिलों में से 18 में लॉकडाउन लगाया गया है। रविवार को बिलासुपर में (14 अप्रैल से 21 अप्रैल), सरगुजा में (13 अप्रैल से 23 अप्रैल), बलरामपुर में (14 अप्रैल शाम 6 बजे से 25 अप्रैल), मुंगेली (14 अप्रैल से 21 अप्रैल) जांजगीर-चांपा (13 अप्रैल शाम छह बजे से 23 अप्रैल तक) जिले में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इन क्षेत्रों में कई तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा रहेगा।

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